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    Bihar Police Report: फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में आई 94.4 प्रतिशत की गिरावट, दंगे भी थम गए

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 06:08 PM (IST)

    बिहार में अपराध की स्थिति में सुधार हुआ है। पुलिस के अनुसार अपहरण और दंगों के मामलों में भारी कमी आई है। 2004 की तुलना में अपहरण के मामलों में 94.4% और दंगों में 66% की गिरावट आई है। हत्या लूट और डकैती के मामलों में भी कमी दर्ज की गई है। जनसंख्या में वृद्धि के साथ-साथ पुलिस का आधुनिकीकरण भी हुआ है।

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    फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में आई 94.4 प्रतिशत की गिरावट, दंगे भी थम गए

    राज्य ब्यूरो, पटना। अपराध की रफ्तार को लेकर लगातार हो रही चर्चाओं के बीच अच्छी खबर यह है कि अपहरण और दंगे की वारदातें राज्य में गुजरे जमाने की बात रह गई हैं। पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि 2004 की तुलना में अपहरण की वारदातों में 94.4 प्रतिशत की कमी आई है। दंगे के मामले में यह गिरावट 66 प्रतिशत दर्ज की गई है।

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    2004 में फिरौती के लिए अपहरण के 411 मामले दर्ज हुए थे। 2025 में फिरौती के लिए अपहरण के महज 23 मामले दर्ज हुए हैं। रह गया है। 2009 में 80 मामले दर्ज किए थे। 2013 इनकी संख्या 70 पर आ गई। पिछले साल केवल 52 मामले दर्ज हुए।

    2020 में जहां हत्या के 3,149 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2024 में यह घटकर 2,786 हो गए। बिहार पुलिस के आंकड़ों की माने तो साल 2004 में 3861 हत्याएं हुईं, 2003 में हत्या का ये आंकड़ा 3652 था।

    2020 में राज्य में दंगों के 9,419 मामले दर्ज हुए थे। 2024 में यह आंकड़ा गिरकर 3,186 रह गया। 2025 के शुरुआती छह महीने, जनवरी से जुलाई तक के आंकड़े केवल 1,368 तक सीमित है। अगर 2004 के आधार पर देखें तो दंगों के आंकड़ों में 66 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

    2004 में सड़क पर डकैती के 287 और लूट के 1,875 मामले दर्ज किए गए। 2024 में यह आंकड़ा सिमटकर डकैती में 126 और सड़क पर लूट आदि के 1,665 पर आ गया। पुलिस के आकंड़ों के अनुसार सड़क पर डकैती की घटनाओं में 56.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, सड़क पर लूट के मामले में लगभग 11.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

    2004 में बिहार में 30 बड़ी बैंक डकैती हुई। इसी दौरान बैंक लूट की 27 घटनाएं दर्ज की गईं। 2024 में बैंक लूट के ये आंकड़े 30 से घटकर पां हो गए हैं। वहीं, बैंक लूट के आंकड़े 20 सालों में 27 से घटकर नौ रह गए। 2025 में जून तक दोनों ही मामलों में सिर्फ 1-1 वारदात हुए हैं।

    2004 में राज्य की जनसंख्या करीब आठ करोड़ थी। अब यह 13.5 करोड़ हो चुकी है। उसी अनुपात में पुलिस का आधुनिकीकरण भी हुआ है।