Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Liquor Smuggling: बिहार में कहां-कहां से आ रही शराब? विभागीय रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 09:35 PM (IST)

    बिहार में शराबबंदी के बावजूद नेपाल झारखंड यूपी और पंजाब से शराब की तस्करी हो रही है। मद्य निषेध विभाग की समीक्षा में यह बात सामने आई। आगामी चुनाव को देखते हुए शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए उच्चस्तरीय बैठक हुई जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने और रेल मार्ग से तस्करी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।

    Hero Image
    नेपाल के रास्ते देसी तो पंजाब-यूपी से आ रही विदेशी शराब की खेप

    राज्य ब्यूरो, पटना। शराबबंदी वाले बिहार में नेपाल और झारखंड के रास्ते देसी, जबकि पंजाब और यूपी से सर्वाधिक विदेशी शराब की खेप भेजी जा रही है। मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग की समीक्षा में यह बातें सामने आई हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल से सटे चेकपोस्ट पर 48 प्रतिशत देसी शराब पकड़ी गई है, जबकि यूपी और झारखंड से सटे चेकपोस्ट पर 25-25 प्रतिशत देसी शराब पकड़ी गई है।

    वहीं, उत्तरप्रदेश और झारखंड की सीमा पर क्रमश: 50 प्रतिशत और 36 प्रतिशत विदेशी शराब जब्त हुई है। पकड़ी गई विदेशी शराब में 32 प्रतिशत पंजाब में बनी है। वहीं यूपी में 20 जबकि हरियाणा में 11 प्रतिशत बनी हुई विदेशी शराब बिहार में पुलिस-प्रशासन ने जब्त की है।

    आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए शराबबंदी कानून को और सख्ती से लागू करने को लेकर विभागीय सभाकक्ष में सचिव अजय यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें उत्पाद आयुक्त रजनीश कुमार सिंह के साथ पुलिस की ओर से रेल डीआईजी राजीव मिश्रा, एसएसबी कमांडेंट कुमार राजीव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

    समीक्षा बैठक में सीमावर्ती इलाकों के चेकपोस्ट पर निगरानी बढ़ाने के साथ रेल मार्ग से तस्करी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। बैठक में कहा गया कि रेलवे के टीटीई, वीआइपी कोच और पेंट्री कार में अवैध शराब आपूर्ति की सूचना मिली है।

    इसपर रेल पुलिस के साथ संयुक्त छापेमारी अभियान प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही इंटीग्रेटेड एवं संयुक्त जांच चौकियों का गठन कर नियमित निरीक्षण भी किया जाएगा। इसके लिए ट्रेन के साथ रेलवे स्टेशनों पर जांच बढ़ाने को कहा गया। बड़े अभियोगों के बेहतर अनुसंधान के लिए पुलिस को केस ट्रांसफर करने और पुलिस की मद्यनिषेध इकाई से तकनीकी सहायता लेने का भी निर्णय हुआ।