VIP की टिकट पर चुनाव जीतकर BJP ज्वाइन करने वाले नेता को EOU का नोटिस, 1 दर्जन नेता-ठेकेदार निशाने पर
पटना में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने नीतीश सरकार के विश्वास मत के दौरान विधायकों को प्रलोभन देने के मामले में जांच तेज कर दी है। भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव को 18 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ईओयू इंजीनियर सुनील से भी दोबारा पूछताछ करेगी। इस मामले में कई और लोगों को भी नोटिस जारी किए जा सकते हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। पिछले साल फरवरी में नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने जांच तेज कर दी है। इस मामले में कई नए विधायकों के नाम आ रहे हैं, जिनसे पूछताछ के लिए नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
इसी सिलसिले में ईओयू ने शुक्रवार को भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव को नोटिस जारी कर 18 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है। इसके अलावा इस कांड के मुख्य अभियुक्त इंजीनियर सुनील से भी दोबारा पूछताछ की जाएगी। उन्हें भी नोटिस जारी कर ईओयू ने 19 अगस्त को तलब किया है।
ईओयू सूत्रों के अनुसार, जल्द ही एनडीए के एक-दो अन्य विधायक, ठेकेदार समेत एक दर्जन लोगों को भी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
ईओयू ने अब तक इस मामले में परबत्ता विधायक डॉ. संजीव, पूर्व विधायक बीमा भारती और मुख्य अभियुक्त ई. सुनील समेत आधा दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस दिया जा चुका है। बीमा भारती से पिछले माह के आखिरी सप्ताह में करीब चार घंटे तक पूछताछ की गई थी। वहीं, ई. सुनील से जून माह में पूछताछ की गई थी।
ईओयू सूत्रों के अनुसार, इस पूछताछ में कई नई जानकारियां सामने आई हैं। इसमें पैसे के लेन-देन एवं अन्य प्रलोभन की जानकारी भी मिली है। फाइनेंसर के रूप में बालू माफिया और ठेकेदारों के पैसे के इस्तेमाल की जानकारी भी मिली है। ऐसे ठेकेदारों व अन्य को भी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। विश्वासमत के दौरान व्हिप जारी होने के बावजूद कई विधायक देरी से सदन पहुंचे थे। ऐसे विधायक खासतौर पर संदेह की नजर में हैं।
वीआईपी से जीते थे मिश्रीलाल, भाजपा में हो गए थे शामिल:
मिश्रीलाल यादव वीआईपी के टिकट पर अलीनगर सीट से चुनाव जीते थे मगर बाद में भाजपा में शामिल हो गए। हाल ही में एक कांड में निचली अदालत से दो साल की सजा मिलने पर उनकी सदस्यता चली गई थी, मगर बाद में हाई कोर्ट ने पुराने आदेश को निरस्त कर दिया, जिसके बाद फिर से उन्हें विधायक का दर्जा मिल गया है।
मालूम हो कि मधुबनी के हरलाखी से जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने इस मामले में फरवरी 2024 में पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इसमें जदयू विधायक ने आरोप लगाया था कि हाजीपुर में रहने वाले उनके रिश्तेदार रंजीत कुमार ने वॉट्सऐप कॉल कर उन्हें बताया कि इंजीनियर सुनील कुमार आए हैं और बात करना चाहते हैं। बात करने पर ई सुनील कुमार ने उन्हें प्रलोभन दिया और कहा कि आप महागठबंधन के साथ आ जाइए।
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