Bihar Pollution: पटना की हवा हुई जहरीली, समनपुरा में 334 पहुंचा AQI; अचानक किस वजह से बढ़ा प्रदूषण?
पटना में प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ गया है, समनपुरा में AQI 334 तक पहुंच गया है। तापमान में गिरावट और हवा की गति में कमी के कारण प्रदूषक तत्व जमा हो रहे हैं। खराब हवा से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। सरकार ने निर्माण कार्यों पर रोक लगाई है और लोगों से सहयोग करने की अपील की है। पटना प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।
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पटना में बढ़ा प्रदूषण। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, पटना। ठंड बढ़ने के साथ शहर की हवा भी धीरे-धीरे प्रदूषित हो रही है। ठंड के कारण तापमान गिरने से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) में वृद्धि हो रही है। मंगलवार को पटना का औसत एक्यूआइ 196 दर्ज किया गया, जबकि समनपुरा का एक्यूआइ बढ़कर 334 तक पहुंच गया है। इसे रेड जोन में रखा गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अनुसार दानापुर में एक्यूआइ 213, शेखपुरा में 115, तारामंडल के पास 161, मुरादपुर में 182, राजवंशी नगर में 172 दर्ज किया गया। समनपुरा में प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण निर्माण कार्य और सड़कों की ठीक से सफाई न होना, जिससे सड़क किनारे धूलकणों की मोटी परत जमा हो जाती है।
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि सर्दी में तापमान कम होने के कारण हवा ठंडी हो जाती है। ठंडी हवा गर्म हवा की तुलना में भारी होती है और नीचे की ओर आती है। इससे हवा की गति कम हो जाती है और प्रदूषित तत्व हवा में ही फंसे रह जाते हैं।
सर्दियों में हवा में नमी कम होती है। नमी प्रदूषित कणों को आपस में चिपकाने में मदद करती है और उन्हें जमीन पर गिरने में मदद करती है लेकिन जब नमी कम होती है तो प्रदूषक कण हवा में तैरते हैं।
सर्द दिनों में धुंध और कोहरा छाना आम है। ये प्रदूषक कणों को अपने अंदर समेट लेते हैं और हवा में घुल मिल जाते हैं। ऐसे में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है।
वायु गुणवत्ता की श्रेणी
| वायु गुणवत्ता श्रेणी | AQI रेंज |
|---|---|
| अच्छा | 0–50 |
| संतोषजनक | 51–100 |
| मध्यम प्रदूषित | 101–200 |
| खराब | 201–300 |
| बहुत खराब | 301–400 |
| गंभीर | 401–450 |
पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर चलाया जागरूकता अभियान
संवाद सहयोगी, मसौढ़ी। बिहार सीनियर काउंसिल रिप्रेजेंटेटिव बिहार स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के आलोक में मंगलवार को लहसुना थाना के तत्वाधान में विभिन्न विद्यालयों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ध्वनि प्रदूषण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया।
इस मौके पर थानाध्यक्ष खुशबू खातून ने ध्वनि प्रदूषण से मानव जाति के स्वास्थ्य और विकास पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की विस्तार से जानकारी दी और इससे बचने के लिए निर्धारित मानक तक ही ध्वनि प्रयोग करने की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि देर रात दस बजे से सुबह छह बजे तक डीजे समेत अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों का पूरी तरह से उपयोग से बचने की आवश्यकता है ताकि लोगों की नींद में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न न हो और बच्चों की पढ़ाई भी बाधित न हो। उन्होंने वाहन चालकों से भी वाहन चलाते वक्त ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग से बचने की सलाह दी ताकि यात्रा सुरक्षित रह सके।

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