तीन साल में एक भी सत्र पूरा नहीं कर सका पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय
मगध विश्वविद्यालय के नालंदा एवं पटना जिले के कॉलेजों को अलग कर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी।

पटना । मगध विश्वविद्यालय के नालंदा एवं पटना जिले के कॉलेजों को अलग कर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का गठन किया गया था। सरकार ने मगध विश्वविद्यालय के विलंबित शैक्षणिक सत्र को नियमित करने एवं पटना व आसपास के जिलों के छात्रों को बोधगया जाने के चक्कर से मुक्त करने के लिए 18 मार्च 2018 को पटना में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का गठन किया। हालांकि, यह उम्मीदों पर अब तक खरा नहीं उतर सका है। गुरुवार को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के तीन वर्ष पूरे कर लेगा लेकिन, यह अबतक एक भी शैक्षणिक सत्र पूरा नहीं कर सका है। तीन वर्षीय स्नातक कोर्स की बात तो दूर, दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का अब तक एक भी बैच पासआउट नहीं हो सका है।
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: स्नातक द्वितीय वर्ष एवं पीजी सेंकेंड सेमेस्टर की ही हुई है परीक्षा :
पाटलिपुत्र विवि के तीन वर्ष होने के बाद भी अब तक महज स्नातक पार्ट टू की ही परीक्षा हो सकी है, जबकि, स्नातकोत्तर में सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा हुई है। शैक्षणिक सत्र विलंब होने के कारण छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने से वंचित हो रहे हैं। जबकि मगध विश्वविद्यालय का सत्र लगातार विलंबित रहने के कारण ही यूनिवर्सिटी से अलग एक स्वतंत्र विवि बनाने का निर्णय लिया गया था।
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: विश्वविद्यालय को कुलपति का इंतजार :
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में फिलहाल नियमित कुलपति नहीं है। निवर्तमान कुलपति के इस्तीफा देने के बाद राजभवन ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी सिंह को इसका प्रभार दिया है। नियमित कुलपति नहीं होने के कारण माना जा रहा है कि शैक्षणिक सत्र को नियमित करने में लंबा समय लगेगा।
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: स्थापना दिवस पर कार्यक्रम नहीं :
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्थापना के तीन वर्ष पूरे होने पर कोई कार्यक्रम नहीं आयोजित हो रहा है। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सका था।
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