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    KK Pathak के नए 'Order' से अभिभावक परेशान, DEO दफ्तर के चक्कर काट रहे छात्र

    सरकारी स्कूल में नामांकन को लेकर नियम बदलने के बाद अभिभावक परेशान हैं। डीईओ कार्यालय में नौबतपुर प्रखंड बख्तियारपुर संपतचक फुलवारीशरीफ पुनपुन प्रखंड से स्कूल बदलने के लिए आवेदन देने आए अभिभावकों कहना है कि आठवीं कक्षा तक गांव के मध्य विद्यालय में लड़के पढ़ाई की और उससे तीन किलो मीटर दूर हाई स्कूल में नामांकन के लिए भेजा जा रहा है।

    By Ravi Kumar(Patna) Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 18 Apr 2024 07:39 PM (IST)
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    KK Pathak के नए 'Order' से अभिभावक परेशान, DEO दफ्तर के चक्कर काट रहे छात्र

    जागरण संवाददाता, पटना। अब कोई भी छात्र-छात्रा नौवीं कक्षा में अपने पसंद के उच्च माध्यमिक विद्यालय (हाई स्कूल) में नामांकन नहीं ले सकता है। शिक्षा विभाग के नए नियम के अनुसार छात्रों को नौ कक्षा में नामांकन अपने ही पंचायत के हाई स्कूल में नामांकन लेना होगा। जिस पंचायत के मध्य विद्यालय से उन्होंने आठवीं कक्षा उत्तीर्ण की है।

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    यदि छात्र अपने पंचायत क हाई स्कूल में नामांकन लेना नहीं चाहते तो उन्हें जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) से अनुमति लेनी होगी। विभाग के इस आदेश में बाद अभिभावकों एवं छात्रों की परेशानी बढ़ गई है।

    प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में अभिभावक अपने बच्चे सहित स्कूल बदलने के लिए इस भीषण गर्मी में डीईओ कार्यालय, पटना का चक्कर लगा रहे हैं।

    अभिभावकों की बढ़ी परेशानी

    सरकारी स्कूल में नामांकन को लेकर नियम बदलने के बाद अभिभावक परेशान हैं। डीईओ कार्यालय में नौबतपुर प्रखंड, बख्तियारपुर, संपतचक, फुलवारीशरीफ, पुनपुन प्रखंड से स्कूल बदलने के लिए आवेदन देने आए अभिभावकों कहना है कि आठवीं कक्षा तक गांव के मध्य विद्यालय में लड़के पढ़ाई की और उससे तीन किलो मीटर दूर हाई स्कूल में नामांकन के लिए भेजा जा रहा है।

    बख्तियारपुर प्रखंड के एक अभिभावक ने बताया कि हमारा गांव दो पंचायत की सीमा पर है। लड़की जिस हाई स्कूल में नामांकन के लिए भेजा रहा है वह दो किलो मीटर दूर है, जबकि दूसरे पंचायत में स्थित हाई बगल में है।

    ऑटो रिजर्व कर रआ रहे अभिभावक

    दूरदराज से अभिभावक बच्चों के साथ ऑटो रिजर्व कर डीईओ कार्यालय आ रहे हैं और आवेदन जमा करने के बाद चले जा रहे हैं। फिर उनको दूसरे दिन बुलाया जा रहा है। उन्हीं का आवेदन स्वीकार किया जा रहा है जिनको सही मायने में दिक्कत है। इसके लिए डीईओ कार्यालय में अलग काउंटर खोले गए हैं।

    इस स्थिति में बदल सकते हैं स्कूल

    विभागीय आदेश के अनुसार आठवीं पास छात्र-छात्रा अगर यह शिकायत करें कि उसके घर से हाई स्कूल दूर है। स्कूल जाने के क्रम में नदी में पार करनी पड़ती है। स्कूल के रास्ते में अगर हाईवे पड़ता है, स्कूल का शैक्षणिक माहौल खराब है। लड़कियां दूर के स्कूल में जाने में असुरक्षित महसूस करती हो। संबंधित स्कूल में सीट खाली नहीं है, छात्र-छात्रा दिव्यांग हो आदि।

    क्या कहते हैं अभिभावक?

    बख्तियारपुर प्रखंड, घांघडीह पंचायत में हाई स्कूल दूर है। लड़के को दूर के स्कूल जाने में परेशानी होती है। विभाग के नए नियम से परेशानी बढ़ गई है। कामकाज छोड़ कर डीईओ कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ा रहा है। - उपेंद्र यादव, अभिभावक

    फुलवारीशरीफ, चिलबली पंचायत में हाई स्कूल है, लेकिन दूर है, जबकि बगल के पंचायत में स्थित हाई स्कूल नजदीक है। दूर के स्कूल में लड़की को भेजने में डर लगता है। नए नियम से परेशानी बढ़ गई है। इस स्थिति में लड़की को दूर के स्कूल में पढ़ने के लिए कैसे भेजें। - नेहा कुमारी, अभिभावक

    छपरा जिले के पानापुर प्रखंड, चकिया पंचायत में स्थित मध्य विद्यालय से लड़के ने आठवीं कक्षा पास की है। मैं पटना में निजी कंपनी में नौकरी करता हूं। बच्चे को पटना में पढ़ना चाहता हूं। नए नियम के कारण पटना के स्कूल में बच्चे नामांकन नहीं हो पा रही है। डीईओ पटना को स्कूल बदलने के लिए आवेदन दिया है। - अमित कुमार, अभिभावक

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