बिहार: जो ताड़ के पेड़ पर चढ़कर दिखायेगा उसे ही मिलेगा नीरा का लाइसेंस
शराबबंदी के बाद बिहार सरकार ने नीरा को बढ़ावा देेने के लिए लोगों को लाइसेंस देेने का निर्णय लिया है। लेकिन, लाइसेंस उन्हीं लोगों को मिलेगा जो ताड़ के पेड़ पर चढ़कर दिखायेंगे।
पटना [राज्य ब्यूरो]। नीरा निकालने के लिए उन्हें ही लाइसेंस दिया जाएगा जो पेड़ पर चढऩा जानते हैं। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने गुरुवार को अधिवेशन भवन में आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया। कार्यशाला में मुख्य रूप से विभिन्न जिलों से पासी समुदाय से आए लोगों ने भाग लिया।
डा. सिद्धार्थ ने कहा कि लाइसेंस के लिए इच्छुक व्यक्तियों को जिला उत्पाद अधीक्षक को आवेदन देना होगा। आवेदन पर उस किसान की सहमति भी आवश्यक है जिसके ताड़ के पेड़ों से नीरा निकाला जाएगा। साथ ही यह संकल्प पत्र भी भरना होगा कि हर हाल में मद्य निषेध कानून 2016 का पालन करेंगे।
अगर ऐसी शिकायत मिली कि नीरा निकालने का लाइसेंस लेकर ताड़ी बनाई जा रहा है तो उनके खिलाफ मद्य निषेध कानून के तहत कार्रवाई होगी। नीरा निकालने वाले सरकार द्वारा चिह्नित एजेंसियों को ही नीरा देंगे या उससे खुद गुड़ या अन्य उत्पाद बनाएंगे।
अगर कोई नीरा का कारोबार नहीं करना चाहता है तो सरकार उसे दूसरा रोजगार शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना से एक लाख से लेकर एक करोड़ तक का ऋण दिलाएगी। सरकार नहीं चाहती कि मद्य निषेध कानून से कोई भी व्यक्ति बेरोजगार हो।
लाइसेंस नि:शुल्क मिलेगा
नीरा प्रोजेक्ट पर कार्यशाला व प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि लाइसेंस नि:शुल्क मिलेगा। लाइसेंस के लिए आवेदन जिला उत्पाद अधीक्षक या सहायक उपायुक्त उत्पाद को दिया जा सकता है। नीरा निकालने का लाइसेंस लेकर ताड़ी या अन्य मादक पेय पदार्थ बेचने पर लाइसेंस रद्द होने के साथ ही बिहार मद्य निषेध एवं उत्पादन नीति 2016 के तहत सजा और अन्य कार्रवाई होगी।
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लाइसेंस लेने वालों की मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्य को लाइसेंस मिल सकता है, बशर्ते उसे भी ताड़ के पेड़ पर चढ़ना और नीरा उतारने की कला आनी चाहिए। ताड़ के पेड़ बहुल जिलों से कार्यशाला में लोगों को बुलाया गया था। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि जीविका से सहयोग लेना है, लीजिए नहीं तो खुद नीरा या इससे संबंधित उत्पाद का व्यवसाय कर सकते हैं। इसमें बंदिश नहीं है।
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कारोबार के लिए एक करोड़ तक मिल सकता है लोन
ताड़ी निकालने के कारोबार से जुड़े लोगों को नीरा का कारोबार या दूसरा व्यवसाय शुरू करने के लिए एक लाख से एक करोड़ रुपए तक का लोन मिल सकता है।
क्या है नीरा
ताड़ के नर-मादा पेड़ के फूलों का रिसाव है। इसे फर्मेंटेशन के पहले संग्रहित किया जाता है। नीरा में खनिज लवण, कैल्शियम, फास्फोरस, लौह, विटामिन ए, बी एवं सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह पाचन शक्ति व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
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