अब दूसरे अस्पताल से बात कर मरीज को रेफर कर सकेंगे हॉस्पिटल, पटना प्रमंडलीय आयुक्त ने दिया निर्देश
गंभीर हालत में रोगियों को दूसरी जगह रेफर करे तो रेफर किए जाने वाले संस्थान के प्रमुख या उनके प्रतिनिधि से संपर्क कर लेना चाहिए। प्रमंडलीय आयुक्त सह पीएमसीएच रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष डा. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को यह कहा। वे पीएमसीएच परिसर स्थित एलएंडटी निर्माण कार्यालय के सभागार में समिति की बैठक में बोल रहे थे।

जागरण संवाददाता, पटना। कोई भी चिकित्सा संस्थान जब गंभीर हालत में रोगियों को दूसरी जगह रेफर करे, तो रेफर किए जाने वाले संस्थान के प्रमुख या उनके प्रतिनिधि से संपर्क कर लेना चाहिए। यह रेफरल पालिसी में है तथा व्यावहारिक एप्रोच भी है। ऐसा होने पर रोगियों को समय पर सभी सुविधाएं भी प्राप्त हो जाएंगी।
प्रमंडलीय आयुक्त सह पीएमसीएच रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष डा. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को यह कहा। वे पीएमसीएच परिसर स्थित एलएंडटी निर्माण कार्यालय के सभागार में समिति की बैठक में बोल रहे थे। आयुक्त ने बैठक के बाद विभिन्न वार्डों का निरीक्षण भी किया और मरीजों व स्वजनों की फीडबैक ली। उन्होंने डाक्टर एवं स्टाफ से भी संवाद किया। कहा कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और ससमय उपचार की सुविधा मिलनी चाहिए।
ट्राइएज में मरीजों को मिलेगी तत्काल उपचार की सुविधा
आयुक्त ने कहा कि ट्राइएज संचालन प्रक्रिया का अनुपालन सभी संबंधित पदाधिकारी सुनिश्चित करें। इसके लिए उपाधीक्षक को मुख्य आकस्मिक चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है। ट्राइएज में आने वाले मरीजों को तत्काल प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के बाद संबंधित विभाग की इमरजेंसी को भेज दिया जाएगा। वहां तत्काल मरीज को भर्ती कर आगे का उपचार किया जाएगा।
इसमें पालीवार डाक्टर एवं कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। ये सभी आईजीसीसी कंट्रोल रूम में उपस्थिति पंजी में निर्धारित ड्यूटी के अनुसार अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। सभी चिकित्सक एवं कर्मी हैंडओवर-टेकओवर कर के ही अपनी ड्यूटी से प्रस्थान करेंगे।
नए भवन में 10 विभागों की ओपीडी शिफ्ट
आयुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तीन मई को पीएमसीएच के टावर (I) एवं (II) में 1,117 शय्या के अस्पताल का उद्घाटन किया था। इन दो नए भवनों से मरीजों को उत्कृष्ट सुविधा प्राप्त हो रही है। शेष कार्यों को मार्च 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसके बाद 5,462 बेड की सुविधा के साथ पीएमसीएच देश का सबसे बड़ा एवं विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन जाएगा।
नवनिर्मित दोनों भवनों में 10 विभागों की ओपीडी शिफ्ट कर दी गई है। इनमें औषधि, जेरियाट्रिक, मेडिसिन, पीएसएम, शिशु, कार्डियोलाजी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, पीएमआर, दंत, चर्म एवं रति रोग, कान, नाक एवं गला वाह्य विभाग का संचालन किया जा रहा है। अन्य विभागों का ओपीडी स्थानांतरण प्रक्रियाधीन है।
30 जून तक नवनिर्मित भवनों में इमरजेंसी और आइपीडी का संचालन किया जाना है। अधीक्षक को अन्य विभागों की इमरजेंसी नए भवनों में प्राथमिकता के आधार पर जल्द क्रियाशील करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में व्यवस्था संतोषजनक पाई गई।
तीन स्थानों पर फ्लाई ओवर से जुड़ जाएगा पीएमसीएच
जेपी गंगा पथ एवं मखनियां कुआं के रास्ते पीएमसीएच आने के मार्ग को अतिक्रमणमुक्त रखने का निर्देश दिया। अशोक राजपथ से नवनिर्मित डबल डेकर फ्लाईओवर से भी पीएमसीएच की कनेक्टिविटी का कार्य हो रहा है। तीन मल्टी लेवल पार्किंग से पीएमसीएच तीन स्थानों पर डबल डेकर फ्लाईओवर से जुड़ जाएगा।
ट्रैफिक डीएसपी को अस्पताल के नजदीक पार्किंग की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। अधीक्षक डा. आइएस ठाकुर ने दो एंबुलेंस की आवश्यकता बताई। आयुक्त ने खरीदारी का निर्देश दिया। बैठक में दवाओं एवं एंबुलेंस की उपलब्धता, इमरजेंसी, आपरेशन, पैथोलाजी एवं एमआरआइ समेत सभी बिंदुओं पर विस्तृृत चर्चा की गई।
साढ़े छह महीने में ओपीडी में देखे गए ढाई लाख मरीज
अधीक्षक ने बताया कि एक दिसंबर 24 से 15 जून तक ओपीडी में 2,46,231 मरीजों को देखा गया। ओपीडी के माध्यम से भर्ती किए गए 36,144 मरीजों को आइपीडी की सुविधा दी गई। इसी अवधि में 11,58,077 पैथोलोजी जांच की गई। साथ ही 6,486 मेजर तथा 16,399 माइनर आपरेशन किया गया।
वहीं 68,500 मरीजों को इमरजेंसी में देखा गया। सामान्य प्रसव की संख्या 736 तथा सिजेरियन सेक्शन की संख्या 1,120 है। कुल 4,427 एमआरआइ, 11,417 सीटी स्कैन, 26,488 यूएसजी; 52,523 एक्स-रे तथा 4,094 डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करायी गई। मरीजों के लिए सभी आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की जाती है।
आयुक्त ने बीएमएसआइसीएल के डीजीएम को दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता का निर्देश दिया। बैठक में अपर नगर आयुक्त, क्षेत्रीय अपर निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं), आइएमए के प्रतिनिधि, अपर जिला दंडाधिकारी राजीव रौशन समेत अन्य पदाधिकारी व चिकित्सक शामिल थे।
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