Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: मार्च तक बदल जाएगी NMCH की सूरत, मरीजों को अब इन परेशानियों का नहीं करना पड़ेगा सामना

    Updated: Mon, 17 Feb 2025 05:26 PM (IST)

    एनएमसीएच में 7.5 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा 100 बेड का औषधि वार्ड मार्च तक तैयार हो जाएगा। यह वार्ड कोविड के समय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मिले फंड से बनाया जा रहा है। इस वार्ड में 30 बेड की आईसीयू भी होगी। अभी औषधि विभाग में बेड की कमी के कारण मरीजों को भर्ती करने में दिक्कत होती है।

    Hero Image
    बदल जाएगी नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सूरत। फोटो- एएनआई

    जागरण संवाददाता, पटना सिटी। बेड की कमी का दंश झेल रहे नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तीन माह के निर्धारित लक्ष्य की जगह तीन साल बाद एक सौ बेड के मेडिसिन वार्ड का निर्माण कार्य जारी है।

    इनमें से तीस बेड की आइसीयू बनाने की योजना है। सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थित सेंट्रल लाउंड्री के प्रथम तल पर बन रहा फैब्रिकेटेड वार्ड मार्च तक एनएमसीएच को सुपुर्द हो जाएगा।

    औषधि विभाग में बेड की कमी के कारण मरीजों को भर्ती करने की समस्या लंबे समय से जारी है। विभाग का वार्ड लगभग पांच सौ मीटर दूर दो जगहों पर बंटा होने से चिकित्सा सेवा एवं व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना विकास निगम के एनएमसीएच स्थित अधिकारी ने बताया कि एक सौ बेड के फैब्रिकेटेड वार्ड का ढांचा तैयार हो गया है।

    इस पर छत डालने और डिवाइडर लगाने का काम जारी है। मार्च में यह वार्ड आंतरिक व्यवस्था के साथ पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।

    उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत इमरजेंसी कोविड रेस्पांस पैकेज के तहत एक सौ बेड का फील्ड अस्पताल बनाने के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को वर्ष 2022 में 7.5 करोड़ रुपए मिला था। तीन माह में यह अस्पताल तैयार होना था। उसी योजना और उतनी ही राशि से वार्ड बनाया जा रहा है।

    औषधि विभाग में बेड की कमी से मरीज परेशान

    • एनएमसीएच स्थित औषधि विभाग के पुराने भवन के वार्ड डी और ई में 60 मरीजों के लिए बेड लगा है। यहां केवल आठ बेड की मेडिसिन आइसीयू है।
    • अस्पताल के बाहर पूरब में स्थित सेंटर आफ एक्सीलेंस परिसर के फैब्रिकेटेड फील्ड अस्पताल में कुछ मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
    • विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यहां डेंगू तथा कैंसर मरीजों के लिए भी वार्ड बना है। बेड की संख्या कम होने से मरीजों को भर्ती करने में समस्या होती है।
    • सेंट्रल इमरजेंसी में भी औषधि विभाग के मरीजों के लिए जगह कम है। तैयार हो रहे वार्ड में तीस बेड की आइसीयू विकसित करने की योजना है।

    एक सौ बेड का फैब्रिकेटेड वार्ड तैयार होते ही औषधि विभाग में बेड की कमी की समस्या दूर हो जाएगी। नये वार्ड में मरीज शिफ्ट होने के बाद खाली होने वाली पुराने भवन की जगह में टीबी मरीजों के लिए वार्ड बनाया जाएगा। फिलहाल टीबी मरीज सेंट्रल इमरजेंसी में भर्ती हो रहे हैं।- प्रो. डॉ. अलका सिंह, अधीक्षक, एनएमसीए

    यह भी पढ़ें-

    Patna News: NMCH में ट्रेनी डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, अधीक्षक के आश्वासन के बाद काम पर लौटे

    फर्जी ED अधिकारी बन रिटायर्ड डॉक्टर को बनाया शिकार, डिजिटल अरेस्ट कर ऐसे ठगे 74 लाख रुपये