Bihar Politics: बहुत दूर की सोच रहे नीतीश कुमार, सोची-समझी प्लानिंग है Free Bijli का एलान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए कई लोकलुभावन योजनाओं को तुरंत लागू कर रहे हैं जैसे मुफ्त बिजली और सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि। महिलाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का निर्णय भी उनके वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है। वे सोशल मीडिया के माध्यम से इन योजनाओं का प्रचार कर रहे हैं ताकि अपनी पुरानी राजनीतिक हैसियत को वापस पा सकें।

राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता में आने के साथ ही ऐसी योजनाओं को कार्यान्वित करते रहे हैं, जिनसे पूरी आबादी को लाभ हो। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले के वर्षों में ऐसी योजनाओं की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन पूर्व की तुलना में 2025 के विधानसभा चुनाव की दृष्टि से वे न सिर्फ अधिक योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं, बल्कि उसे तुरंत लागू भी कर दे रहे हैं।
मुफ्त बिजली देने की योजना का पुरजोर विरोध करने वाले नीतीश ने गुरुवार को इसे बिहार में भी लागू कर दिया। इसी 10 जुलाई को उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाने की योजना को लागू किया। केवल राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के निर्णय का असर भी उनके वोट बैंक पर पड़ेगा।
नीतीश कुमार को 2005 में उस समय की खराब कानून व्यवस्था के कारण वोट मिला था। 2005-10 के बीच उनकी सरकार ने बेहतर काम किया। 2010 का विधानसभा चुनाव विकास पर लड़ा गया। 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए को 206 सीटें मिली थी। 2015 में नीतीश ने राजद-कांग्रेस के साथ गठबंधन किया।
तीनों दलों का वोट पूरी तरह स्थानांतरित हुआ। 178 सीटें मिली, लेकिन दो साल के भीतर नीतीश फिर एनडीए में चले गए। 2020 का विस चुनाव में उनकी पार्टी जदयू एनडीए घटक के रूप में चुनाव मैदान में गया। जदयू 43 सीट लेकर तीसरे नम्बर पर चला गया।
2022 में एक बार फिर उन्होंने राजद का साथ लिया। यह करीब डेढ़ साल तक चला। 2024 के लोकसभा में वे एनडीए के साथ चुनाव लड़े। अभी एनडीए की सरकार का वे नेतृत्व कर रहे हैं।
नीतीश को अधिक संख्या में लोकलुभावन घोषणाओं को कार्यान्वित करने की जरूरत इसलिए पड़ रही है कि वे पुरानी राजनीतिक हैसियत हासिल करना चाहते हैं। यही कारण है कि सरकारी योजनाओं की घोषणा वे सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से कर रहे हैं।
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