नीतीश कुमार 4 विश्वविद्यालयों के चांसलर होंगे, कर्पूरी ठाकुर कौशल यूनिवर्सिटी के निर्माण का रास्ता साफ
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही चौथे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बनने जा रहे हैं जो जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय होगा। विधेयक पारित होने से विश्वविद्यालय निर्माण का रास्ता साफ़ हो गया है। श्रम मंत्री संतोष कुमार सिंह ने कहा कि इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और कर्पूरी ठाकुर के सपने साकार होंगे। यह विश्वविद्यालय कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही चौथे विश्विवद्यालय के कुलाधिपति बनने जा रहे हैं। बुधवार को विधेयक पारित होने के साथ ही जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय के निर्माण का रास्ता साफ हो गया।
विधेयक के अनुसार, मुख्यमंत्री ही इसके कुलाधिपति होंगे। मुख्यमंत्री पहले से ही हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति हैं।
विधेयक पेश करते हुए श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना से राज्य की युवा आबादी को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय जननायक भारत रत्न स्व. कर्पूरी ठाकुर के सपनों को साकार करेगा। यह ज्ञान संसाधन केंद्र के रूप में काम करेगा। वैश्विक बाजार में कुशल कार्य बल की बढ़ती हुई मांग और कार्य क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन को देखते हुए कौशल विकास की जरूरत बढ़ गई है।
विधान परिषद की छह विधेयक पर मुहर
दूसरी ओर, मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान-2025 के विरोध में बुधवार को भोजनावकाश के उपरांत भी विधान परिषद में विपक्ष मुखर रहा। विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ करने की घोषणा की वैसे ही विरोधी दल के मुख्य सचेतक अब्दुलबारी सिद्दीकी ने एसआईआर को वोट बंदी बताते हुए चर्चा की।
सभापति ने विपक्ष के मांग को अस्वीकृत कर दिया। सरकार को विधेयक पेश करने का नियमन दिया। इसके उपरांत बारी-बारी से मंत्रियों ने विधानसभा से पास छह विधेयक सदन के समक्ष पेश किया जिस पर विधान परिषद की मुहर लग गई।
परिषद में पेश विधेयक में बिहार हिंदू धार्मिक न्यास (संशोधन) विधेयक, बिहार माल और सेवाकर (संशोधन) विधेयक, बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, विहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) विधेयक, बिहार कृषि भूमि गैर कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्तन (संशोधन) विधेयक एवं बिहार भूमिगत पाइप लाइन (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी गई।
इस दौरान लगातार विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष सरकार विरोधी एवं नारेबाजी कर सदन की कार्यवाही का विरोध करते रहे। वहीं, सदन की नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी एवं विरोधी दल के मुख्य सचेतक अब्दुलबारी सिद्दीकी अपनी सीट पर ही डटे रहे। ऐसे में विपक्ष के विरोध एवं नारेबाजी के कारण भोजनावकाश के उपरांत मात्र 20 मिनट में सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी।
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