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    'कांग्रेस में इतनी हिम्मत नहीं बची...', नीतीश कुमार के करीबी का दावा; सीट शेयरिंग पर कह दी ये बात

    Updated: Fri, 29 Mar 2024 06:46 PM (IST)

    नीतीश कुमार के करीबी राजीव रंजन ने कहा कि कांग्रेस को जो सीटें मिल जाती है वह उसी में खुशी से फूल जाते हैं। कांग्रेस ने वास्तव में अपने आत्मसम्मान का विसर्जन कर दिया है। इन्हें जनता की कभी फिक्र नहीं रही। अपने कार्यकर्ताओं की भावना की तरफ भी उन्होंने देखना छोड़ दिया है। यही वजह है कि कांग्रेस तेजी से अपने अंच की तरफ बढ़ रही है।

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    'कांग्रेस में इतनी हिम्मत नहीं बची...', नीतीश कुमार के करीबी का दावा; सीट शेयरिंग पर कह दी ये बात

    राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस में अब इतनी हिम्मत भी नहीं बची कि अपने गठबंधन में वह ताल ठोक कर सीटों की मांग कर सके। आज हाल यह है कि जो पार्टियां कभी कांग्रेस की दया से राजनीति करती थी वह आज कांग्रेस को सीटों का दान दे रही।

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    उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस को जो सीटें मिल जाती है वह उसी में खुशी से फूल जाते हैं। कांग्रेस ने वास्तव में अपने आत्मसम्मान का विसर्जन कर दिया है। इन्हें जनता की कभी फिक्र नहीं रही। अपने कार्यकर्ताओं की भावना की तरफ भी उन्होंने देखना छोड़ दिया है।

    राजीव रंजन ने कहा कि यही वजह है कि कांग्रेस तेजी से अपने अंच की तरफ बढ़ रही है। कांग्रेस की इसी कमजोरी का लाभ आज उसके साथी दल उठा रहे हैं। किसी भी राज्य में उसे भाव नहीं मिल रहा।

    महागठबंधन में सीट शेयरिंग उनकी लाचार स्थिति को उजागर कर रहा- उमेश

    जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि पहले चरण का नामांकन पूरा होने के बाद सीटों का बंटवारा महागठबंधन की लाचार स्थिति को उजागर करता है। स्वार्थपरक गठबंधन पर जनता भरोसा नहीं करेगी। निजी स्वार्थ के बुनियाद पर टिके महागठबंधन को बिहार में 2019 से भी अधिक बुरी हार का सामना करना पड़ेगा।

    जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सीट के बंटवारे के गणित पर नजर डालें तो ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी ने राजद के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। सीट बंटवारे में सिर्फ राजद की मनमानी चली। जिन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस लंबे समय से तैयारी कर रही थी उसे भी राजद ने अपने पाले में कर लिया है। बिहार कांग्रेस के अंदर से ही अब विरोध के स्वर उठ रहे हैं। पार्टी के कई पुराने नेता सीट बंटवारे से नाखुश हैं।

    जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महागठबंधन में शीर्ष नेताओं के बीच ही जब तालमेल नहीं बैठ रहा है तो जमीनी कार्यकर्ता कैसे चुनाव में एकजुट हो सकेंगे। राजनीतिक मजबूरियों का यह गठबंधन है।

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