JNUSU President: अररिया के नीतीश कुमार चुने गए जेएनयूएसयू अध्यक्ष, सरस्वती शिशु मंदिर में की पढ़ाई
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में अररिया के नीतीश कुमार ने जीत हासिल की है। नीतीश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर फारबिसगंज से पूरी की। वे छात्रों ...और पढ़ें

विद्या सागर, पटना। देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली में लगातार दूसरी बार बिहारी छात्र ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। सामान्य किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले नीतीश कुमार ने रविवार देर रात संपन्न हुए जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में शानदार जीत दर्ज की।
नीतीश अररिया जिले के बड़गांव प्रखंड के शेखपुरा गांव के निवासी हैं। उनके पिता प्रदीप कुमार यादव खेती करते हैं, जबकि उनकी मां घरेलू कार्य संभालती हैं।
नीतीश की क्वालिफिकेशन
नीतीश की प्रारंभिक शिक्षा विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर, फारबिसगंज में हुई, जहां उन्होंने कक्षा 4 से 10वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूर्णिया में की। साल 2021 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से स्नातक पूरा करने के बाद नीतीश ने जेएनयू में दाखिला लिया।
वर्तमान में वे स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के सेंटर फॉर पॉलिटिकल स्टडीज में पीएचडी कर रहे हैं। जेएनयू में प्रवेश के साथ ही नितीश भाकपा (माले) से संबद्ध छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) से जुड़ गए।
छात्रों के मुद्दों को लेकर काफी एक्टिव रहे नीतीश
जेएनयू में प्रवेश के बाद से ही नीतीश छात्रों के मुद्दों को लेकर सक्रिय रहे हैं। उन्होंने जेएनयू को पुनः खोलने के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें छात्रावास, आफलाइन कक्षाओं और सुलभ शिक्षा की मांग की गई थी। अपने पहले वर्ष में ही वे स्टूडेंट्स फेडरेशन काउंसिल (एसएफसी) के प्रतिनिधि चुने गए।
इस बार जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में नीतीश संयुक्त वामपंथी पैनल से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थे। उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की शिखा स्वराज थीं। नीतीश ने शिखा को 272 मतों से हराकर जीत हासिल की। उन्हें कुल 1,702 मत प्राप्त हुए।
क्या है नीतीश कुमार का प्लान?
दैनिक जागरण से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि वे शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए निरंतर संघर्ष करेंगे। वे विश्वविद्यालय के लिए अधिक फंड लाने का प्रयास करेंगे और केंद्र सरकार से शिक्षा बजट बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के बाजारीकरण के कारण गरीब परिवारों के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। एक शिक्षित समाज के निर्माण के लिए सभी को समान शिक्षा और अवसर मिलना आवश्यक है।
बता दें कि इस चुनाव से ठीक पहले हुए चुनाव में भी गया जिले के कोंच निवासी धनंजय छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए थे। धनंजय भी संयुक्त वामपंथी पैनल से आइसा के उम्मीदवार थे।
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