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हड़ताली शिक्षकों से खफा हैं नीतीश, दी चेतावनी- काम कीजिए, सरकार कर रही है आपकी चिंता

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने हड़ताली शिक्षकों को दो टूक चेतावनी भी दी। बुधवार को विधान परिषद में उन्‍होंने कहा कि परीक्षा के दौरान हड़ताल सीधे-सीधे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 10:00 PM (IST)
हड़ताली शिक्षकों से खफा हैं नीतीश, दी चेतावनी- काम कीजिए, सरकार कर रही है आपकी चिंता
हड़ताली शिक्षकों से खफा हैं नीतीश, दी चेतावनी- काम कीजिए, सरकार कर रही है आपकी चिंता

पटना, राज्य ब्यूरो। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने हड़ताली शिक्षकों को आग्रह के साथ दो टूक चेतावनी भी दी। बुधवार को विधान परिषद में उन्‍होंने कहा कि परीक्षा और कॉपी जांच के दौरान हड़ताल सीधे-सीधे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। सरकार इस मामले में गंभीर है। खगडिय़ा में शिक्षकों द्वारा किए गए विरोध का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने सख्त नाराजगी भी जताई। उन्होंने शिक्षक विधान पार्षदों को खरी-खरी सुनाई। इशारों ही इशारों में शिक्षकों के नाम पर राजनीति चमकाने वाले विधान पार्षदों को भी चेताया। इससे पूर्व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के नेतृत्व में राजद सदस्यों ने मुख्यमंत्री के धन्यवाद प्रस्ताव का बहिष्कार किया।

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मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों के प्रति पूरी सहानुभूति रखती है। 15 वर्षों की सरकार में नियोजित शिक्षकों का वेतन 1500 रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया। हम अपनी हैसियत के हिसाब से इसे और बढ़ाएंगे। तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं। शिक्षकों की करीब-करीब हर मांग को सरकार ने समय-समय पर पूरी करने की कोशिश की। उन्‍होंने चेतावनी के साथ ही हड़ताल करने वाले शिक्षकों से आग्रह भी किया है कि वे अपना काम करें। सरकार उनकी चिंता कर रही है।

विधान परिषद में बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव व सरकार के उत्तर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने राजद द्वारा नियोजित शिक्षकों के 2008 में किए गए अपमान की ओर भी सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। कहा कि 2005 में बनी मेरी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर 24 नवंबर 2008 को राजद ने बाकायदा कामकाज के आकलन करती किताब जारी की थी। इसमें शिक्षा मित्रों को अयोग्य बताते हुए शिक्षक बनाए जाने पर सवाल खड़ा किया था। एनडीए सरकार को शिक्षा व्यवस्था चौपट करने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। 

बकौल मुख्यमंत्री, किताब के कवर पृष्ठ पर मेरी अशोभनीय फोटो लगाई गई थी। उन्होंने सदन में किताब भी दिखाई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन नहीं देने संबंधित आदेश को भी पढ़कर सुनाया। कहा कि 140 पन्ने के निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की मांग को खारिज कर दिया था। फिर भी सरकार की शिक्षकों के प्रति सहानुभूति है। शिक्षकों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में बड़े-बड़े वकीलों को खड़ा करने पर नीतीश ने तंज भी किया। 


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