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    Bihar: पुलों के रखरखाव के लिए बिहार सरकार ला रही नई नीति, तकनीकी सर्वेक्षण के बाद होगी मरम्मत

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 12:08 AM (IST)

    बिहार सरकार पुलों के रखरखाव के लिए एक नई नीति ला रही है। इस नीति के तहत पुलों की मरम्मत से पहले एक व्यापक तकनीकी सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण के आधार पर पुलों को नंबर दिए जाएंगे और उनकी मरम्मत की प्राथमिकता तय की जाएगी। सर्वेक्षण में पुलों के एक्सपेंशन ज्वाइंट फाउंडेशन रेलिंग स्ट्रक्चर सुपर स्ट्रक्चर और बियरिंग आदि की जांच होगी।

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    खबर की प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। पुल मेंटेनेंस पॉलिसी को अब जल्द ही राज्य कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा। इस पॉलिसी के तहत पुलाें की मरम्मत पर अभी तुरंत काम आरंभ नहीं होगा।

    इसके लिए वृहत स्तर पर पुलों का तकनीकी सर्वे होगा। तकनीकी सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें नंबर दिया जाएगा। उस नंबर के आधार पर यह तय होगा कि कौन से पुल पर तुरंत काम करने की जरूरत है।

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    किस पुल की मरम्मत के लिए अभी ठहरा जा सकता है। सर्वे के काम में कम से कम छह माह का समय लगेगा। आरंभिक स्तर पर सर्वे का काम पूरा हो चुका है।

    पुलों के इन हिस्सों पर होगा तकनीकी सर्वे

    पुलों के तकनीकी सर्वे के क्रम में उसके एक्सपेंशन ज्वाइंट, फांउडेशन, रेलिंग, स्ट्रक्चर, सुपर स्ट्रक्चर और बियरिंग आदि की मुख्य रूप से जांच होगी। संबंधित विशेषज्ञ इसकी रैंकिंग करेंगे।

    एक से दस नंबर देकर यह तय होगा कि कौन से पुल के किस हिस्से की मरम्मत कब तक करनी है। एक साथ सभी पुलों की मरम्मत पर काम आरंभ नहीं होना है।

    ओपीआरएमसी के तहत एक लेबल में लाकर आरंभ होगा रख रखाव

    सड़कों के रख रखाव काम जिस ओपीआरएमसी पॉलिसी के तहत हो रहा, उसमें यह प्रविधान है कि उसे एक लेबल पर लाया जाता है। उसके बाद उसे रखाव के लिए बने पैकेज में शामिल किया जाता है।

    पुलों के लिए बनी मेंटेनेंस पॉलिसी में भी इस बात का जिक्र है। पुलों की गड़बड़ी को एक लेबल पर लाकर उसके रख रखाव पर काम आरंभ होना है।

    एक क्लिक मिल जाएगी पुलों की संपूर्ण कुंडली

    पुलों का संपूर्ण तकनीकी सर्वे इसके लिए बने पोर्टल पर अपलोड रहेगा। एक क्लिक पर यह जानकारी मिल सकेगी कि किस पुल के कौन से हिस्से मे गड़बड़ी है। सर्वे के साथ ही यह डाटा तस्वीर के साथ अपलोड होता जाएगा।

    सभी डिवीजनों में बने पुल के लिए अलग-अलग शीर्ष से जानकारी मिलेगी। इसी के आधार पर पुलों के रख रखाव का काम आगे बढ़ाया जाएगा।

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