Bihar: शहर में सस्ते दाम पर घर खरीदने का सपना होगा पूरा, नीतीश सरकार ने बनाया खास प्लान
नगर विकास एवं आवास विभाग ने किफायती आवास नीति 2017 में संशोधन किया है। अब पीपीपी मोड में बिल्डरों को 50% हिस्सेदारी दी जाएगी। इससे स्लम पुनर्विकास और एलआईजी आवास परियोजनाओं में मदद मिलेगी। इसके साथ ही राज्य में वेंडिंग जोन बनाने के लिए जीआइएस सर्वे किया जा रहा है। अब तक 25 वेंडिंग जोन बनाए गए हैं जिनमें 1685 फुटपाथी दुकानदार बसाए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। नगर विकास एवं आवास विभाग ने किफायती आवास एवं मलिन बस्ती (स्लम) पुनर्वास एवं पुनर्विकास आवास नीति 2017 में संशोधन किया है। इसके अंतर्गत अब जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बिल्डर को देकर किफायती आवास विकसित किए जाएंगे।
यानी 50 प्रतिशत हिस्सा बिल्डर के पास रहेगा और शेष 50 प्रतिशत हिस्से पर कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए किफायती आवास (एलआईजी) विकसित किया जाएगा। अभी तक 2017 में बनी नीति लागू थी जिसमें शहरों की आबादी के हिसाब से हिस्सा तय था।
तीन लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 75 प्रतिशत, एक से तीन लाख आबादी वाले शहरों में 60 प्रतिशत और एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में 50 प्रतिशत हिस्से पर किफायती आवास बनाकर देना था।
पुरानी नीति में पीपीपी मोड के तहत किफायती आवास बनाने के लिए कोई बिल्डर आगे नहीं आ रहा था। बिल्डरों की मांग ज्यादा हिस्से की थी। संशोधन के बाद अब विभाग को उम्मीद है कि बिल्डर आगे आएंगे। इससे स्लम के विकास सहित एलआइजी कालोनियों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
शहरी निकायों में वेंडिंग जोन के लिए हो रहा जीआइएस सर्वे
दूसरी ओर, राज्य के सभी नगर निकायों में वेंडिंग जोन निर्माण की शुरुआत हो गई है। नगर विकास एवं आवासन विभाग शहरी निकायों में सर्वेक्षण और डाटा संग्रह की मदद से वेंडिंग जोन चिह्नित कर रहा है। इस जीआइएस सर्वेक्षण से स्ट्रीट वेंडरों की संख्या, स्थान और गतिविधियों का डाटा एकत्र किया जा, रहा है।
सड़क चौड़ाई, यातायात प्रवाह और जनसंख्या घनत्व के आधार पर वेंडिंग और नो-वेंडिंग जोन निर्धारित किए जा रहे हैं। इसके अलावा समिति में फुटपाथ विक्रेता, व्यापारी संगठन, यातायात विभाग और आम जनता के सुझाव भी शामिल किए जा रहे हैं।
विभागीय जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत राज्य के विभिन्न नगर निकायों में वेंडिंग जोन बनाए जा रहे हैं। नगर विकास एवं आवास विभाग के अनुसार, अब तक 25 वेंडिंग जोन बन चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 17 वेंडिंग जोन राजधानी पटना में बनाए गए हैं।
इसके अलावा, सीतामढ़ी में तीन जबकि बिहिया, भागलपुर, मोतिहारी, दरभंगा और बक्सर में एक-एक वेंडिंग जोन बनाया गया है। इन वेंडिंग जोन में कुल 1685 फुटपाथी दुकानदारों को बसाया गया है, जिसमें पटना में 1023, बिहिया में 65, सीतामढ़ी में 170, भागलपुर में 152, मोतिहारी में 104, दरभंगा में 67 और बक्सर में 104 फुटपाथी दुकानदार शामिल हैं। वेंडिंग जोन को लाल, हरे और सफेद रंगों से चिह्नित किया जाता है।
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