उत्तर बिहार में 3 बिजली योजनाओं स्वीकृति, 42 नए शक्ति उपकेंद्रों का होगा निर्माण; विकास को मिलेगा बढ़ावा
उत्तर बिहार के लिए राज्य सरकार ने तीन बिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें 42 नए शक्ति उपकेंद्रों का निर्माण 33 केवी के 74 फीडरों का जीर्णोद्धार और 295.60 किमी नई लाइन बिछाई जाएगी। इन परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे। मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद इन योजनाओं को शुरू करने की हरी झंडी मिल गई है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार ने उत्तर बिहार के लिए तीन बिजली परियोजनाएं स्वीकृत की है। इसमें उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में 42 नए शक्ति उपकेंद्रों का निर्माण होगा साथ ही 33 केवी के 74 फीडरों का जीर्णोद्धार एवं नवीकरण किया जाएगा और विभिन्न अंचलों में 295.60 किमी, 33 केवी की नई लाइन का निर्माण किया जाएगा। इन परियोजनाओं को मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति दे दी है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 42 नए शक्ति केंद्रों के निर्माण पर 454.53 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी प्रकार 33 केवी के प्रस्तावित 74 फीडर को एसीएसआर वुल्फ कंडक्टर से आर एंड एम करने पर 135.67 करोड़ रूपये खर्च होंगे। जबकि विभिन्न अंचलों में 295.60 किमी, 33 केवी की नई लाइन के निर्माण पर 82.55 करोड़ खर्च किए जाएंगे। मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद इन योजनाओं को शुरू करने की हरी झंडी मिल गई है।
पटना में भी होगा शंकर नेत्रालय, डेढ़ वर्ष में देने लगेगा सेवाएं
वाराणसी के बाद अब पटना में भी शंकर नेत्रालय की स्थापना होगी। राज्य सरकार ने पटना में आंख की बीमारियों से जुड़े अति विशिष्ट नेत्र अस्पताल की स्थापना एवं संचालन के लिए कंकड़बाग में आवास बोर्ड की करीब 1.7 एकड़ जमीन स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। स्वास्थ्य विभाग का हस्तांतरित इसी जमीन पर शंकर नेत्रालय की स्थापना होगी। शंकर आई फाऊंडेशन इंडिया इस अस्पताल की स्थापना करेगा।
इस अति विशिष्ट नेत्र अस्पताल में ढाई लाख रुपये से कम वार्षिक आय वालों रोगियों का मुफ्त इलाज होगा, जबकि अन्य श्रेणी के लोगों को यहां रियायती दामों पर इलाज की सुविधा मिलेगी। शंकर नेत्रालय बिहार के आसपास के हिस्सों में आंखों से जुड़ी बीमारियों के निदान के लिए कैंप भी आयोजित करेगा।
इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा राजेंद्र नगर में संचालित आई हॉस्पिटल के डाक्टरों और कर्मियों के उन्नयन की जिम्मेदारी भी शंकर नेत्रालय के पास ही होगी। संभावना जताई गई है कि डेढ़ वर्ष के अंदर यह अस्पताल लोगों को अपनी सेवाएं देने लगेगा।
आयुष मेडिकल कॉलेज में भी चलेगी जीविका दीदी की रसोई
राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के बाद अब सभी राजकीय आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों में रोगियों की सहूलियत के लिए जीविका दीदी की रसोई शुरू होगी। प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति दे दी है। अभी सभी सरकारी मेडिकल कालेज अस्पताल, सदर अस्पतालों में जीविका दीदी की रसोई संचालित है।
इन अस्पतालों के रोगियों को दीदी की बनी रसोई का स्वच्छ और पौष्टिक भोजन की आपूर्ति होती है। इसी तर्ज पर अब सभी राजकीय आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं यूनानी मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों में जीविका दीदी की रसोई शुरू होगी। अस्पतालों में ही जीविका दीदी की रसोई होगी और अंतर्वासी रोगियों को उपचार के दौरान शुद्ध एवं पोषक भोजन की व्यवस्था मिलेगी।
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