बिहार में अग्नि सुरक्षा प्रबंध को मजबूत करने को नया प्लान, भवन निर्माण एवं आइआइटी के बीच करार
भवनों में अग्नि सुरक्षा के लिए लगाए गए उपकरणों की जांच के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस फार फायर टेस्टिंग ट्रेनिंग एवं रिसर्च लैबोरेट्री की स्थापना होगी। भवन निर्माण विभाग मुख्य अभियंता (निरूपण) रेजा वारिस वारसी एवं आईआईटी पटना के निदेशक टीएन सिंह ने हस्ताक्षर किया। विभाग के सचिव कुमार रवि ने बताया कि यह सरकारी भवनों को अग्नि से सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

राज्य ब्यूरो, पटना। भवन निर्माण विभाग की ओर से निर्मित भवनों में अग्नि सुरक्षा के लिए लगाए गए उपकरणों की जांच के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस फार फायर टेस्टिंग, ट्रेनिंग एवं रिसर्च लैबोरेट्री की स्थापना होगी। इसके लिए शनिवार को यहां लिखित करार हुआ।
इस पर भवन निर्माण विभाग मुख्य अभियंता (निरूपण) रेजा वारिस वारसी एवं आईआईटी पटना के निदेशक टीएन सिंह ने हस्ताक्षर किया। इस करार से भवन निर्माण विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं में अग्नि सुरक्षा के लिए लगाए जाने वाले आधुनिक उपकरणों के चयन, प्रयुक्त होने वाली सामग्रियों की अग्नि वहन क्षमता का निर्धारण, अग्नि कांडों के बाद भवन की संरचना को हुई क्षति का आकलन, क्षतिग्रस्त संरचनाओं का रेट्रोफिटींग एवं अग्निकांड के दौरान अग्नि प्रसार के अध्ययन में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर विभाग के सचिव कुमार रवि ने बताया कि यह सरकारी भवनों को अग्नि से सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अपग्रेडेड और नार्थ ईस्टर्न रीजन में इस तरह का एकलौता संस्थान होगा। भवनों के सुरक्षित निर्माण में आईआईटी की विशेषज्ञों से मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि आइआइटी पटना के परिसर में सेंटर आफ एक्सीलेंस फार फायर टेस्टिंग, ट्रेनिंग एवं रिसर्च सेंटर की स्थापना की जाएगी।
देश में इस तरह के बहुत कम संस्थान हैं। विभाग आवश्यक संरचना का निर्माण करेगा। आईआईटी इसके लिए नि:शुल्क जमीन देने पर सहमत है। रवि ने बताया कि प्रारंभिक योजना प्रतिवेदन के अनुसार भवन निर्माण की अनुमानित लागत 17 करोड़ 36 लाख रुपये है।
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