Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Income Tax Return 2025: आयकर रिटर्न दाखिल करने में बड़ा बदलाव, ऑटो मोड में रहेगा नया आयकर स्लैब

    वित्तीय वर्ष 2025-26 से आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव हुआ है। अब नई टैक्स व्यवस्था डिफॉल्ट मोड में लागू हो गई है। डिफॉल्ट मोड में नया आयकर रीजीम दिखेगा। पुराने आयकर रीजीम के तहत आयकर भरने के लिए बदलाव करना होगा। करदाताओं के पास टैक्स रीजीम चुनने का विकल्प होगा। एक अप्रैल से कई अन्य चीजों में भी बदलाव किए गए हैं।

    By Nalini Ranjan Edited By: Divya Agnihotri Updated: Thu, 03 Apr 2025 09:03 AM (IST)
    Hero Image
    आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में बदलाव

    जागरण संवाददाता, पटना। अब वित्तीय वर्ष के बदलाव के साथ ही आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में भी बदलाव हुआ है। वित्तीय वर्ष 2025-26 से नई कर व्यवस्था डिफॉल्ट मोड में लागू कर दी गई है। इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करते समय अब आयकरदाता को डिफॉल्ट मोड में नया आयकर रीजीम देखने को मिलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    टैक्स रिजीम चुनने का विकल्प

    यदि किसी आयकरदाता को पुराने आयकर रीजीम के आधार पर आयकर भरना हो तो उन्हें इसमें बदलाव कर ओल्ड स्कीम से आयकर भरने की प्रक्रिया करनी होगी। इसमें करदाताओं के पास टैक्स रीजीम चुनने का विकल्प होगा। जिन्हें लगता है कि उनके लिए पुराने स्लैब फायदेमंद है तो वह पुरानी स्लैब व्यवस्था का उपयोग कर सकते है।

    सीए आशीष रोहतगी व सीए रश्मि गुप्ता ने बताया कि बिना किसी व्यावसायिक आय वाले पात्र व्यक्तियों के पास प्रत्येक वर्ष के लिए व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा। इसलिए वे एक वित्तीय वर्ष में पुरानी कर व्यवस्था और दूसरे वर्ष में नई कर व्यवस्था चुन सकते हैं।

    न्यू रीजीम से फाइल कर सकते हैं ITR

    उन्होंने बताया कि यदि कोई नियोक्ता अपने कर्मी का पुरानी व्यवस्था से टीडीएस का डिडक्शन काट लिया है, कर्मी चाहे तो न्यू रीजीम के तहत आइटीआर फाइल कर सकते है। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से अन्य चीजों में भी बदलाव हुए है।

    1 अप्रैल से हुए बदलाव

    • इसके तहत बैंकिंग फ्रॉड से बचाव को लेकर नए चेक वेरिफिकेशन नियम लागू किए गए है। इसके अतिरिक्त पांच हजार रुपये से अधिक के चेक पेमेंट के लिए अब चेक नंबर, तिथि, लाभार्थी का नाम और राशि का सत्यापन करना होगा।
    • साथ ही रुपये डेबिट कार्ड में नए फीचर्स को जोड़ा जा रहा है। इसमें एयरपोर्ट लाउंज में आना-जाना, इंश्योरेंस आदि सुविधा भी मिलेगी। इसके अतिरिक्त अब एटीएम से फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा भी तीन बार ही होगी।
    • न्यूनतम बैलेंस की सीमा को लेकर भी नियम लागू किया जा रहा है। सीनियर सिटिजन्स के लिए टीडीएस कटौती की भी अधिकतम सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। यह राशि पहले 50 हजार रुपये थी।

    अब 12 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं

    नए टैक्स रीजीम में 12 लाख रुपये तक किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं देय होगा। साथ ही अपडेटेड टैक्स रिटर्न दाखिल करने की सीमा 24 महीने से बढ़कर 48 महीने तक हो जाएंगी।

    इसके साथ ही मकान मालिकों को रेंट से होने वाली आय पर टीडीएस कटौती की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये सालाना कर दिया गया है। पहले दो लाख 40 हजार रुपये वार्षिक थी।

    10 लाख रुपये से अधिक के विदेशी ट्रांजैक्शन टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) लगेंगे। पहले यह सीमा सात लाख रुपये थीं।

    लांग टर्म कैपिटल गेन सीमा बढ़ेगी

    सीए आशीष रोहतगी एवं सीए रश्मि गुप्ता ने बताया कि आयकर बदलाव के तहत एक अप्रैल से डिविडेंट इनकम पर टीडीएस कटौती अब 10 हजार रुपये प्रति वर्ष कर दी जाएगी।

    पहले यह पांच हजार रुपये थी। साथ ही कैपिटल गेन में बदलाव करते हुए अब लांग टर्म कैपिटल गेन छूट की सीमा 1.25 लाख रुपये कर दी गई है।

    पार्टनरशिप फार्म अपने पाटर्नर्स को सैलरी एवं कैपिटल पर इंट्रेंस पर अब अनिवार्य रूप से टीडीएस काटने होंगे। पहले यह लागू नहीं था।

    ये भी पढ़ें

    New Rules From April 1: आज से बदल जाएंगे 6 बड़े नियम, बैंकिंग से लेकर डिजिटल पेमेंट में होंगे बदलाव

    क्यों बदल रहा 64 साल पुराना टैक्स कानून; ग्रेच्युटी, पेंशन और VRS में क्या हुआ बदलाव?