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    Neetu Chandra: नीतू चंद्रा की याचिका पर HC ने केंद्र से मांगा जवाब, हनी सिंह के Maniac Song पर विवाद

    पटना हाई कोर्ट ने नीतू चंद्रा की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में हिंदी और भोजपुरी संगीत में बढ़ती अश्लीलता को चुनौती दी गई है। विशेष रूप से योयो हनी सिंह के गाने मैनिएक पर आपत्ति जताई गई है। कोर्ट ने कहा है कि यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ है और अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 07 Mar 2025 08:03 PM (IST)
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    नीतू चंद्रा ने हनी सिंह के गाने के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में दायर की है याचिका। फाइल फोटो

    विधि संवाददाता, पटना। हिंदी और भोजपुरी संगीत में बढ़ती अश्लीलता के विरुद्ध पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। चर्चित फिल्म अभिनेत्री नीतू चंद्रा (Neetu Chandra) द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।

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    याचिका में विशेष रूप से योयो हनी सिंह (Honey Singh) के हालिया गाने “मैनिएक” (Maniac Song) को निशाने पर लिया गया है। आरोप है कि इस गीत में महिलाओं को उपभोग की वस्तु के रूप में चित्रित किया गया है और द्विअर्थी शब्दावली के जरिए अश्लीलता को बढ़ावा दिया गया है।

    'बच्चों, महिलाओं पर पड़ता है बुरा असर'

    याचिकाकर्ता द्वारा दलील दी कि भोजपुरी और हिंदी गानों में बढ़ती फूहड़ता और अपशब्दों का प्रयोग समाज, विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं, पर बुरा प्रभाव डालता है।

    इन गानों में संस्कृति का गलत चित्रण किया जाता है। याचिका में यह भी सवाल उठाया गया कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ सामाजिक मूल्यों की अनदेखी करना है? संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन इसकी सीमाएं भी तय की गई हैं।

    याचिकाकर्ता ने मांग की कि गानों में अश्लीलता पर रोक लगाने और दिशा-निर्देश दिए जाएं। इस मामले में वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने याचिकाकर्ता की ओर से दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करे। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।

    हाई कोर्ट से जुड़ा एक अन्य मामला

    आम उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिलने पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

    राज्य के आम उत्पादकों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने और निर्यात के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना के अभाव मामले में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

    याचिकाकर्ता आत्मबोध के अधिवक्ता डॉ. मौर्य विजय चंद्र ने न्यायालय को बताया कि राज्य में उत्तम गुणवत्ता के आमों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है, लेकिन किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। सरकार की उदासीनता के कारण उत्पादकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

    उन्होंने दलील दी कि विदेशी बाजारों में बिहार के आम की बड़ी मांग है, लेकिन निर्यात के लिए आधारभूत संरचना की कमी के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। अगर सरकार जरूरी सुविधाएं विकसित करे, तो राज्य के आम उत्पादकों को बेहतर कीमत मिलेगी और देश को विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी।

    याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर एक ठोस नीति बनाए, जिससे आम के निर्यात की व्यवस्था सुनिश्चित हो। इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

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