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    NEET Paper Leak Case: पटना में EOU के दफ्तर पहुंची CBI, सारे सबूत लेने के बाद अब ये है आगे की प्लानिंग

    Updated: Mon, 24 Jun 2024 01:30 PM (IST)

    यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले (NEET Paper Leak Case) की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है। अनियमितताओं के आरोपों की जांच के सिलसिले में दिल्ली से सीबीआई की एक टीम सोमवार सुबह पटना में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के कार्यालय पहुंची। बताया जा रहा है कि सीबीआई के अधिकारी ईओयू से इस मामले से संबंधित साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    पीटीआई, पटना। नीट पेपर लीक मामले (NEET Paper Leak Case) की जांच अब सीबीआई कर रही है। इस सिलसिले में दिल्ली से सीबीआई की एक टीम सोमवार सुबह पटना में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के ऑफिस पहुंची। एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई की टीम ईओयू से इस मामले से संबंधित सभी साक्ष्य एकत्र करने में जुटी है। 

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    ईओयू के एक अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान ईओयू ने अब तक जो साक्ष्य एकत्र किए हैं, उनमें पटना के एक घर से बरामद हुए जले हुए प्रश्नपत्र के टुकड़े, गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, पोस्ट-डेटेड चेक और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा उपलब्ध कराए गए संदर्भ प्रश्नपत्र शामिल हैं।

    पूछताछ के लिए सीबीआई ये कर सकती है काम

    उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग पटना में न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई की टीम अदालत से ट्रांजिट रिमांड हासिल करके विस्तृत पूछताछ के लिए उन्हें दिल्ली ले जा सकती है।

    ईओयू अधिकारी ने यह भी बताया कि सीबीआई (CBI) सबूतों को नष्ट करने को लेकर इस मामले में कई एफआईआर दर्ज कर सकती है। इतना ही नहीं, उन आरोपियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) के मामले भी दर्ज कर सकती है, जो सरकारी कर्मचारी हैं।

    मुख्य आरोपी ने अपनी आय के अधिक संपत्ति अर्जित की

    अधिकारी ने आगे कहा कि गिरफ्तार आरोपी सिकंदर प्रसाद यादवेंदु, दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर है, उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जा सकता है। उसने कथित तौर पर अपनी आय के अधिक संपत्ति अर्जित की है।

    उन्होंने कहा कि मूल रूप से समस्तीपुर का रहने वाला यादवेंदु इस मामले में मुख्य आरोपी है। अधिकारी ने यह बताया कि यादवेंदु का आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का इतिहास रहा है।

    2012 में जूनियर इंजीनियर बनने से पहले वह रांची में ठेकेदार के तौर पर काम करता था। वह पहले 3 करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले में फंसा था। उस मामले में अपनी भूमिका के लिए वह जेल की सजा काट चुका है।

    अब तक ईओयू कर रही थी मामले की जांच

    बता दें कि अब तक नीट पेपर लीक मामले की जांच ईओयू कर रही थी, जिसने इस केस के सिलसिले में कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। 

    सीबीआई ने रविवार को शिक्षा मंत्रालय के रेफरेंस पर नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की थी। यह परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी। नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर देश भर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। 

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