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    NEET Paper Leak Case : एक रात पहले किसने सॉल्व किया पेपर? PMCH से जुड़ा तार; पेपर लीक केस में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

    Updated: Mon, 24 Jun 2024 11:23 AM (IST)

    नीट पेपर लीक मामले (NEET Paper Leak) को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने रेफरेंस प्रश्न पत्र की प्रति आर्थिक अपराध इकाई को उपलब्ध करा दी है। ईओयू को कई रिमाइंडर और लंबे इंतजार के बाद एनटीए से प्रश्नपत्र मिला। इसके अलावा एनटीए से अब तक 15 संदिग्ध परीक्षार्थियों के रोल कोड की विवरणी ईओयू को मिली है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। NEET Paper Leak Case आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के द्वारा रेफरेंस प्रश्न पत्र की प्रति उपलब्ध करवा दी गई है। प्रारंभिक जांच में इसका मिलान लर्न बॉय्ज हॉस्टल एंड प्ले स्कूल से बरामद अधजले पेपर से हुआ है। अब इसको आगे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है।

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    ईओयू को 20 जून की शाम में एनटीए के द्वारा अधजले प्रश्न पत्र के सीरियल कोड से संबंधित रिपोर्ट मिली। इसके बाद ही यह स्पष्ट हुआ की नीट यूजी की परीक्षा में रामकृष्णनगर से बरामद अधजला प्रश्न पत्र का सीरियल कोड हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के परीक्षा केंद्र का है।

    इसके बाद ही ईओयू की टीम हजारीबाग गई और जांच आगे बढ़ी। ईओयू को कई रिमाइंडर और लंबे इंतजार के बाद एनटीए से प्रश्नपत्र मिला।

    इसके अलावा एनटीए से अब तक 15 संदिग्ध परीक्षार्थियों के रोल कोड की विवरणी ईओयू को मिली है। इनमें से चार से पूछताछ की जा चुकी है। शेष 11 अभी तक पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं।

    मेडिकल जांच के बाद जेल भेजे गए पांच आरोपित

    नीट यूजी मामले में देवघर से गिरफ्तार कर लाये गये पांच अभियुक्तों को रविवार को जेल भेज दिया गया। ईओयू ने पूछताछ के बाद सभी अभियुक्तों की राजवंशी नगर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में मेडिकल जांच कराई गई।

    देर शाम न्यायिक पदाधिकारी के समक्ष पेश करने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों में पंकु कुमार, परमजीत सिंह उर्फ बिट्टु, चिंटू उर्फ बालदेव कुमार, काजू उर्फ प्रशांत कुमार और राजीव कुमार उर्फ कारू शामिल हैं। सीबीआई के द्वारा रिमांड पर लिए जाने तक पांचों अभियुक्त न्यायिक हिरासत में रहेंगे।

    पीएमसीएच से कैसे जुड़ा कनेक्शन?

    नीट यूजी (राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा, अंडर ग्रेजुएट) पेपर लीक कांड की जांच पीएमसीएच (पटना मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल) तक पहुंच सकती है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में पांच मई को पकड़े गए नीतीश कुमार के साथ रहे उसके एक अन्य सहयोगी को पीएमसीएच के पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) हॉस्टल से निकलते देखा गया था।

    वह अभी फरार चल रहा है। इससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि लीक बुकलेट में वर्णित प्रश्नों को वहीं के किसी पीजी छात्र ने हल किए थे। सूत्र बताते हैं कि हास्टल के आसपास लगे सीसी कैमरों के चार मई की रात के फुटेज खंगाले जाएं तो उससे कई राजफाश हो सकते हैं।

    गिरोह से साठगांठ रखने वाले जूनियर डाक्टरों की भी पहचान की जा सकती है। पूर्व में भी मेडिकल परीक्षा में धांधली के तार पीएमसीएच से जुड़ चुके हैं। गिरोह में शामिल अधिसंख्य शातिरों के रिश्तेदार भी डॉक्टर हैं।

    सरगना संजीव मुखिया के बेटे डॉ. शिव कुमार और उसके मित्र डा. शुभम मंडल ने भी पीएमसीएच से ही एमबीबीएस की पढ़ाई की थी।

    रात नौ बजे दिए गए थे प्रश्न

    सूत्र बताते हैं कि संजीव मुखिया ने अपने एक नजदीकी के मोबाइल से प्रश्नपत्र भेजे थे, जिसका प्रिंटआउट लेकर गिरोह का गुर्गा चार मई की रात लगभग नौ बजे पीजी हॉस्टल में पहुंचा था। वह रात 11 बजे तक तीन बार हॉस्टल से अंदर-बाहर गया था।

    प्रश्नों के सामने अंक में उत्तर लिख दिए गए थे। इसके बाद संजीव मुखिया के नजदीकी के उसी मोबाइल नंबर पर प्रश्न और उत्तर की फोटो खींच कर भेजी गई थी।

    संभव है कि उसने हास्टल में ही हल प्रश्नपत्र का पीडीएफ बनाया था और बाइक से निकल गया। वह शख्स नामजद फरार अभियुक्तों में से कोई था या अन्य, इसका पता नहीं चल सका है।

    सभी अभ्यर्थियों को मिली थी एक-एक छायाप्रति

    खेमनीचक स्थित प्रभात रंजन के मकान (लर्न प्ले स्कूल एवं लर्न ब्वायज हास्टल) में बनाया गया अड्डा अमित आनंद और नीतीश कुमार के जिम्मे था। दोनों अभी जेल में हैं। सूत्रों के अनुसार, बाइक सवार शख्स जब इस अड्डे पर पहुंचा तो उसने कमरों में बैठे अभ्यर्थियों की गिनती की।

    इसके बाद उतनी ही संख्या में वाइ-फाइ प्रिंटर से हल प्रश्नों की छायाप्रति निकाली और नीतीश व अमित को उपलब्ध कराई, जो सभी अभ्यर्थियों को बांट दिए गए।

    कुछ देर तक वह शख्स वहीं रुका, फिर बाइक से कहीं चला गया। अगली सुबह (पांच मई) अभ्यर्थियों से छायाप्रति ले ली गई। उसकी गिनती कर बारीक टुकड़ों में सभी छायाप्रति को फाड़ कर फेंक दिया गया।

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