मंत्रिमंडल विस्तार के बाद चुनाव को लेकर NDA की बड़ी तैयारी, कार्यकर्ताओं के लिए जल्द जारी होगा नया नोटिफिकेशन
बिहार में एनडीए सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब आयोग बोर्ड और निगमों में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा ने अपने हिस्से के नाम लगभग तय कर लिए हैं और केंद्रीय नेतृत्व से सहमति मिलने के बाद उन्हें उचित फोरम पर भेज दिया गया है। जल्द ही अधिसूचना जारी हो सकती है।

रमण शुक्ला, पटना। नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के बीच आयोग, बोर्ड एवं निगम में अध्यक्ष एवं सदस्य पद का दायित्व बांटने की तैयारी है।
लंबे समय से प्रतीक्षारत कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव तैयारियों को देखते हुए पार्टी नेतृत्व शीघ्र ही पहल को अंतिम रूप देगा।
राजग में विशेषकर भाजपा नेतृत्व की ओर शीघ्र ही सूची सरकार को सौंपने पहल की जा रही है, इसके सूची बनाने का काम प्रक्रियाधीन है।
गत वर्ष जिला स्तरीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का गठन के उपरांत से ही राजग कार्यकर्ताओं को बेसब्री से पार्टी के शीर्ष नेताओं पर नजर टिकी हुई है।
एनडीए सरकार बनते ही कई आयोग हुए थे भंग
जनवरी 2024 में राजग सरकार के गठन के ठीक बाद ही आयोग एवं बोर्ड को भंग कर दिया गया था। बिहार महिला आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जन जाति, अति पिछड़ा वर्ग आयोग, संस्कृत शिक्षा बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग, महादलित आयोग, मदरसा बोर्ड, नागरिक पर्षद, सवर्ण आयोग समेत कई अन्य आयोग में पद रिक्त है।
खाद्य आयोग, पिछड़ा आयोग में भी सदस्य का पद खाली है। सरकार इन पदों पर हमेशा राजनीतिक दल के नेताओं को ही नियुक्त करते आई है।
कभी भी जारी हो सकती है अधिसूचना
- भाजपा ने अपने हिस्से में आने वाले बोर्ड-निगम में अध्यक्ष और सदस्यों के नाम तय लगभग तय कर ली है। केंद्रीय नेतृत्व से सहमति मिलने के बाद नाम को उचित फोरम पर भेज दिया गया है।
- अब सिर्फ औपचारिकता रह गई है। कभी भी अधिसूचना जारी हो सकती है। इस तरह से विभिन्न विभागों में रिक्त आयोग-निगम में बड़ी संख्या में भाजपा, जदयू, लोजपा एवं हम के कार्यकर्ता-नेता को समायोजित करने की तैयारी है।
- वर्तमान सूचना के अनुसार भाजपा कोटे में 10 आयोग का अध्यक्ष मिलने की संभवना है, शेष जदयू एवं अन्य दलों के खाते में है। वहीं, विभिन्न आयोगों में सदस्यों की हिस्सेदारी आधी-आधी होगी।
भाजपा के कारण है विलंब
बिहार में राजग सरकार जनवरी-2024 में बनी थी। सरकार बनते ही पार्टी के कुछ विधायक-विधान पार्षद सरकार में मंत्री बनाए गए थे। जनवरी 2024 से मार्च 2025 आ गया, लेकिन रिक्त पड़े बोर्ड-निगम को भरा नहीं जा सका।
इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि भाजपा की ओर से नाम की सूची सरकार को नहीं भेजी जा रही। वैसे गत वर्ष सितंबर में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में तब आस जगी थी, जब बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन हुआ था।
इस आयोग में सत्ताधारी दल भाजपा-जदयू के छह नेताओं को जगह दी गई थी। इसके उपरांत कहा गया था कि एक-दो दिनों में रिक्त शेष सभी बोर्ड-निगम आयोगों को भर लिया जाएगा, लेकिन अब तक प्रतीक्षा की वह घड़ी समाप्त नहीं हुई।
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