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    Bihar Politics: बजट को लेकर तेजस्वी की डिमांड पर JDU का पलटवार, 'पहले माता-पिता के कार्यकाल का हिसाब दें तेजस्वी'

    Updated: Sun, 02 Mar 2025 07:29 PM (IST)

    Bihar Politics बिहार विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। कल सदन में बिहार का बजट पेश किया जाएगा। सदन में तो पक्ष-विपक्ष के बीच गहमागहमी तो चल ही रही है सदन के बाहर भी पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर निशाना साध रहे। बजट को लेकर तेजस्वी यादव की मांग पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पलटवार किया है।

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    जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने तेजस्वी के बयान पर किया पलटवार। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बजट सत्र चल रहा है। बिहार विधानसभा में कल बजट पेश किया जाएगा। बजट पर तेजस्वी यादव के बयान पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पलटवार किया है।

    उन्होंने रविवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बजट पर नसीहत देने के बजाए अपने माता-पिता के 15 वर्षों के कार्यकाल का हिसाब जनता को देना चाहिए।

    राजद ने सत्ता में रहते हुए केवल सरकारी खजाने पर डाका डालने का काम किया। बिहार को आर्थिक रूप से पीछे धकेलने और कमजोर करने में राजद की सबसे बड़ी भूमिका रही है।

    जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में बेटियों के जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए 94 हजार रुपए से अधिक की प्रोत्साहन राशि मिलती है।

    नीतीश सरकार में उद्योग स्थापित करने के लिए महिलाओं को 10 लाख रुपए का ऋण मिलता है। इसमें पांच लाख रुपए सब्सिडी के रूप में है। शेष पांच लाख रुपए की राशि पर किसी तरह का ब्याज नहीं है। वहीं, तेजस्वी यादव 2500 रुपए का झूठा झांसा देकर महिलाओं को बरगलाने में लगे हैं।

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    जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2005 तक बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या मात्र 17 लाख थी जो आज बढ़कर 2.7 करोड़ से अधिक हो गयी है। प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 70 यूनिट से बढ़कर 360 यूनिट हो चुकी है।

    उन्होंने कहा कि अपने 15 वर्षों के शासनकाल में राजद ने कभी गरीबों के घर तक बिजली पहुंचाने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया।

    तेजस्वी की मांग, उनके वादों को बजट में सम्मिलित करे सरकार

    विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मांग है कि राज्य सरकार उनके उन वादों को भी बजट में सम्मिलित करे, जो वे महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता के हित में किए हैं।

    रविवार को राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रेस-वार्ता कर उन्होंने कहा कि सरकार को इसमें कोई झिझक भी नहीं होनी चाहिए, जैसे कि नौकरी देने की उनकी पहल पर वह आगे बढ़ रही है। जाति आधारित गणना का लाभ तभी है, जब उस आधार पर विकास की योजना बने।

    नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह आखिरी बजट होगा। इसी के साथ उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण को भी अर्थहीन बताया। तेजस्वी ने कहा कि पिछले पांच राज्यपालों का अभिभाषण एक जैसे रटा-रटाया लग रहा है।

    तेजस्वी ने बताया कि कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत उन्होंने छह हजार किलोमीटर से अधिक की यात्रा की। पंचायत स्तर के आठ हजार से अधिक कार्यकर्ताओं से संवाद हुआ। पता चला कि बिहार की जनता गरीबी, पलायन, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और अपराध से त्रस्त है।

    पढ़ाई, कमाई, दवाई लोगों की मूलभूत आवश्यकता है। सरकार से वे उसी के लिए आग्रह कर रहे हैं। 10 लाख नौकरी देने का वादा हमने किया तो बाद में उसे दोहराते हुए मुख्यमंत्री 20 लाख का वादा करने लगे।

    तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण की बढ़ाई गई सीमा पर अगर न्यायालय को आपत्ति है तो राज्य सरकार 65 के बजाय 75 प्रतिशत आरक्षण नया प्रस्ताव लाए, राजद पूर्ण समर्थन करेगा।

    प्रेस-वार्ता में उदय नारायण चौधरी, रणविजय साहू, चितरंजन गगन, एजाज अहमद, प्रमोद सिन्हा, रितु जायसवाल आदि की उपस्थिति रही।

    प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी चाहें तो 365 दिन मखाना खाएं, चाहें तो लालू प्रसाद सत्तू भी खाना-पीना सीखा देंगे। इसी के साथ उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में राजद की ओर से समाज और वर्ग के स्तर पर अलग-अलग संवाद-चौपाल के कार्यक्रम आयोजित होंगे।

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