बिहार मेें मिशन 2019 की तैयारी शुरू, NDA व महागठबंधन के बीच बिछने लगी बिसात
बिहार मेें मिशन 2019 की तैयारी शुरू हो गई है। एनडीए व महागठबंधन के बीच बिसात बिछने लगी है। दोनों के बीच पहली जोर-आजमाइश फरवरी में होने वाले लोस-विस उपचुनावों में होगी।
पटना [सुभाष पांडेय]। चारा घोटाले में लालू यादव को सजा सुनाए जाने के साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बिहार में दोनों गठबंधन एनडीए और राजद ने अभी से बिसात बिछानी शुरू कर दी है। दोनों गठबंधनों के बीच पहली जोर आजमाइश फरवरी महीने में अररिया लोकसभा और जहानाबाद व भभुआ विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में होगी।
राजद ने तो शनिवार को ही प्रखंड स्तर तक के नेताओं की बैठक बुलाकर बकायदा एक तरह से तैयारी भी शुरू कर दी है। वैसे भाजपा, कोर कमेटी की रविवार होने जा रही बैठक में पार्टी भी आगे का कार्यक्रम तय करेगी। जदयू महीने भर तक प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक पहले ही कर चुका है। मुख्यमंत्री की विकास यात्राओं का मकसद भी प्रशासनिक मशीनरी को चुस्त दुरूस्त करने के साथ साथ कार्यकर्ताओं में जोश भरने के रूप में देखा जा रहा है।
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अररिया की लोकसभा सीट राजद के मोहम्मद तस्लीमुद्दीन और जहानाबाद विधानसभा की सीट राजद के मुंद्रिका सिंह यादव के निधन से तो भभुआ की सीट भाजपा के आंनद भूषण पांडेय के निधन से खाली हुई है। गत लोकसभा चुनाव में सीटों के तालमेल में अररिया सीट राजद के कोटे में थी। यहां भाजपा प्रत्याशी प्रदीप सिंह से सीधे मुकाबले में राजद के तस्लीमुद्दीन चुनाव जीते थे। स्वाभाविक है कि एनडीए से भाजपा ही इस बार भी चुनाव लडऩा चाहेगी। वहां मुकाबला राजद से ही होना है। तस्लीमुद्दीन के बेटे व जदयू विधायक सरफराज आलम जिन्हें ट्रेन में छेड़खानी के एक मामले में पार्टी ने निलंबित कर दिया था, उनकी राजद से दावेदारी की चर्चा है।
भभुआ विधानसभा सीट को लेकर भी एनडीए में कोई विवाद नहीं है। यहां से आनंद भूषण पांडेय की पत्नी के भाजपा प्रत्याशी बनने की संभावना है। यहां से राजद या कांग्रेस से कौन चुनाव लड़ेगा यह तय नहीं है।
जहां तक जहानाबाद विधानसभा से राजद प्रत्याशी का सवाल है तो वहां से मुद्रिका सिंह यादव के बड़े बेटे सुदय यादव का प्रत्याशी बनना लगभग तय है। एनडीए में ही इस सीट को लेकर ज्यादा मारामारी है।
महागठबंधन में सीटों के तालमेल में लालू यादव ने जदयू के सिटिंग अभिराम शर्मा को बेटिकट कर मुंद्रिका सिंह यादव को चुनाव लड़वाया था। गत विधानसभा चुनाव में रालोसपा के प्रवीण सिंह लड़े थे। ऐसे में रालोसपा की भी दावेदारी है। जहानाबाद के सांसद अरूण कुमार रालोसपा से अलग हो गए हैं, लेकिन एनडीए में ही हैं। ऐसे में उनके गुट की भी यहां से दावेदारी है। पूर्व मुख्यमंत्री और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी का भी यह इलाका है।