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    दत्तात्रेय होसाबले के समर्थन में उतरे सांसद भीम, बोले संविधान की प्रस्तावना हटे धर्मनिपेक्ष व समाजवादी शब्द

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 11:42 AM (IST)

    भाजपा सांसद डा. भीम सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसाबले के वक्तव्य का समर्थन किया।बयान पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए और संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष एवं समाजवादी शब्द को अविलंब हटा दिया जाना चाहिए। ये स्वदेशी विचार नहीं हैं। धर्म जीवन को संयमित तथा अनुशासित करता है।

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    दत्तात्रेय होसाबले के समर्थन में उतरे सांसद भीम, बोले संविधान की प्रस्तावना हटे धर्मनिपेक्ष व समाजवादी शब्द

    राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। भाजपा सांसद डा. भीम सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसाबले के वक्तव्य का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उनके बयान पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए और संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष एवं समाजवादी शब्द को अविलंब हटा दिया जाना चाहिए। ये स्वदेशी विचार नहीं हैं। दोनों शब्द आपातकाल, जबकि देश में लोकतंत्र को बंधक बना लिया गया था तब जोड़े गए थे।

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    डा. सिंह ने कहा कि राहुल गांधी और उनके सरीखे जो लोग दत्तात्रेय होसाबले के वक्तव्य पर हो- हल्ला मचा रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि जब बहस के बाद संविधान सभा ने इन शब्दों को जोड़ना अनावश्यक समझा तब कांग्रेस ने ऐसा क्यों किया।

    उन्होंने कहा कि कोई भी समाज धर्म से तो निरपेक्ष रह ही नहीं सकता क्योंकि धर्म जीवन को संयमित तथा अनुशासित करता है। धर्म जीवन के लिए उसी तरह आवश्यक है जैसे जीवन के लिए आक्सीजन। डा. सिंह ने राहुल गांधी एवं उनके पिछलग्गू नेताओं से पूछा है कि 1975 के पहले जब धर्मनिरपेक्ष शब्द संविधान में नहीं था तब क्या भारत एक धार्मिक देश नहीं था?

    राहुल को यह भी बताना चाहिए कि क्या 1975 में जब ये शब्द जोड़े जाने के पहले जिन सरकारों (नेहरू, शास्त्री एवं इंदिरा) ने देश का संचालन किया, वे सरकारें कम्यूनल सरकारें थीं? क्या नेहरू, शास्त्री तथा स्वयं इंदिरा कम्यूनल लीडर थीं?

    सांसद ने कहा कि भारत सदैव सर्वधर्मसमभाव की नीति पर अविचल रूप से चलता आ रहा है। भारत के संविधान के हर पृष्ठ पर यह भावना अभिव्यक्त हुई है। इसीलिए इस शब्द को संविधान में जोड़ना जरूरी तथा उचित नहीं समझा गया और अब भी इसकी जरूरत नहीं है।