विजय सिन्हा ही नहीं, बिहार में 7 लाख से अधिक लोगों के पास हैं दो वोटर ID; ईआरओ नेट से खुल रही पोल
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण में सात लाख से अधिक दोहरे मतदाता पाए गए हैं। ईआरओ नेट सॉफ्टवेयर के माध्यम से इनकी पहचान हुई है। आयोग इन मतदाताओं से आवेदन मांगेगा और फिर एक सूची से नाम काटेगा। आयोग का लक्ष्य है कि आगामी चुनाव से पहले मतदाता सूची त्रुटिरहित हो।

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा कराए गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के उपरांत बिहार की मतदाता सूची में उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ही नहीं अभी तक सात लाख से अधिक लोग चिह्नित किए गए हैं, जिनका नाम दोहरे मतदाता के रूप में नामांकित हैं।
दरअसल, ईआरओ नेट (इलेक्टोरल रोल मैंनेजमेंट सिस्टम नेट) साफ्टवेयर राष्ट्रीय स्तर पर सभी राज्यों के मतदाता डेटा का मिलान कर ऐसे मामलों को चिह्नित करता है। इसमें नाम, जन्मतिथि, लिंग, पिता का नाम, पता एवं फोटो के मिलान के लिए तकनीक का प्रयोग होता है।
अब आयोग ऐसे दोहरे ईपिक (मतदाता परिचय पत्र) वाले मतदाताओं के आवेदन का पहली सितंबर तक प्रतीक्षा करेगा। इसके उपरांत एक जगह की सूची से नाम काट देगा।
अब मतदाता के स्वविवेक पर है कि वह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के उपरांत प्रकाशित प्रारूप से एवं अंतिम रूप से प्रकाशित सूची में कहां अपना नाम रखना चाहता है।
आयोग के अनुसार, दोहरे ईपिक मामलों में पारदर्शी एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची त्रुटिरहित हो सके।
यह प्रक्रिया केवल तकनीकी नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक शुचिता का प्रश्न है। ऐसे में आयोग का प्रयास है कि एक व्यक्ति, एक वोट के सिद्धांत का पालन सुनिश्चित हो।
क्या-क्या काम करता है ईआरओनेट
ईआरओ नेट दो ईपिक वाले मतदाताओं को चिह्नित करने के साथ ही ईपिक के लिए आनलाइन आवेदन, मतदाता सूची में नाम चेक करना, पता, नाम या अन्य विवरण अपडेट करना, मतदाता पहचान पत्र डाउनलोड करना, नए मतदाता के रूप में पंजीकरण करना आदि सेवा सुलभ कराता है।
क्या है दोहरा ईपिक और कैसे पकड़ में आता है?
दोहरे ईपिक का मतलब है कि किसी व्यक्ति के पास एक ही नाम एवं पहचान के साथ एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता पहचान पत्र जारी हो चुका हो। ईआरओ नेट साफ्टवेयर राष्ट्रीय स्तर पर सभी राज्यों के मतदाता डेटा का मिलान कर ऐसे मामलों को चिह्नित करता है।
मतदाताओं को क्या करना है?
यदि किसी मतदाता को SIR के दौरान पता चलता है कि उसका नाम दो जगह दर्ज है, तो उसे तत्काल फार्म-7 भरकर एक जगह से नाम हटाने के लिए आवेदन करना होगा।
यह प्रक्रिया आनलाइन पोर्टल voter.eci.gov.in या संबंधित बीएलओ/ईआरओ कार्यालय के माध्यम से भौतिक रूप से की जा सकती है।
राजनीतिक और प्रशासनिक महत्व
दोहरे ईपिक का मुद्दा सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है। यह चुनावी पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं मतदाता आस्था से जुड़ा मामला है। विशेषज्ञों के अनुसार, समय रहते ऐसे नाम हटाना आवश्यक है, अन्यथा यह चुनाव परिणामों की सटीकता को प्रभावित कर सकता है।
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