Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण का समय, सूतक, क्‍या करें और ना करें; चार राशियों के लिए बेहद शुभ है फल

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Tue, 08 Nov 2022 11:22 AM (IST)

    Chandra Grahan 2022 चंद्र ग्रहण 2022 (Moon Eclipse 2022) का सूतक काल नौ घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा। इस ग्रहण का कुछ राशियों पर शुभ तो कुछ राशियों पर अशुभ फल पड़ेगा। बिहार में यह ग्रहण सूर्यास्‍त से पहले ही शुरू हो जाएगा।

    Hero Image
    Chandra Grahan 2022 : चंद्र ग्रहण 2022 का समय, सूतक और प्रभाव यहां जानें। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    पटना, आनलाइन डेस्‍क। Chandra Grahan 2022: वर्ष 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण (Moon Eclipse 2022) कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को लग रहा है। यह ग्रहण भारत में भी दृश्‍य होगा और इसका सूतक काल ग्रहण शुरू होने के नौ घंटे पहले से ही शुरू हो जाएगा। भारत में यह ग्रहण (Lunar Eclipse 2022) सबसे अरुणाचल प्रदेश में दिखेगा। बिहार में सूर्यास्‍त से पहले ही ग्रहण की शुरुआत हो जाएगी। इस ग्रहण का अलग-अलग राशियों के जातकों पर शुभ, अशुभ और मिश्रित फल पड़ेगा। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्तिक पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण  

    कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा आठ नवंबर मंगलवार को भरणी नक्षत्र च मेष राशि में वर्ष का दूसरा व अंतिम खग्रास चंद्रग्रहण लगेगा। पटना में यह ग्रहण दृश्‍य होगा। बिहार की राजधानी में ग्रहण की शुरुआत चंद्रोदय के साथ ही हो जाएगी। पटना में चंद्र ग्रहण शाम पांच बजे शुरू होगा। 05.06 बजे ग्रहण का मध्‍य होगा, जबकि शाम 7.26 बजे ग्रहण खत्‍म हो जाएगा। 

    मिथिला पंचांग में ये है ग्रहण का समय 

    यह चंद्रग्रहण भारत के अलावा एशिया, आस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, उत्तर-पूर्व यूरोप के कुछ भाग तथा दक्षिण अमेरिका के अधिकांश भागों में नजर आएगा। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बनारसी पंचांग के हवाले से बताया कि चंद्रग्रहण शाम 5.09 बजे से 6.19 बजे तक रहेगा। वहीं, मिथिला पंचांग के अनुसार चंद्रग्रहण आठ नवंबर को शाम 4.59 बजे से आरंभ होकर 6.20 बजे समाप्त होगा।

    सूतक अवधि में नहीं करें ये काम

    चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण के प्रारंभ होने से नौ घंटे पहले ही लग जाता है। भारतीय ज्‍योतिष के अनुसार इस अवधि में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस दौरान भगवान का भजन और स्‍मरण करना श्रेयष्‍कर है। लेकिन, भगवान की प्रतिमा का स्‍पर्श या पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए। ग्रहण या सूतक अवधि में सोने से भी मना किया गया है। इस दौरान भोजन भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहण की समाप्‍त‍ि के बाद स्‍नान करने के बाद देव प्रतिमाओं को भी स्‍नान कराकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसके बाद ही अन्‍य कार्य करने चाहिए। 

    जहां ग्रहण दृश्‍य वहीं लगेगा सूतक 

    यह ग्रहण भारत के पूर्वी हिस्‍से में दिखेगा, जबकि पश्चिमी हिस्‍से में कई स्‍थानों पर ग्रहण आंशिक तौर पर दिखेगा। ग्रहण जहां दृश्‍यमान होता है, वहीं पर सूतक लागू होता है। पटना में ग्रहण का सूतक सुबह के करीब आठ बजे से लग जाएगा। बिहार के पूर्वी हिस्‍से में ग्रहण का सूतक इससे पहले ही लग जाएगा। सामान्‍य तौर पर मानें तो बिहार के लोगों को सुबह साढ़े सात बजे से सूतक के अनुसार व्‍यवहार करना चाहिए। 

    मिथुन वालों के लिए शुभ है यह ग्रहण 

    ज्‍योतिषियों के अनुसार चंद्र ग्रहण से मिथुुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों को लाभ होगा। इस ग्रहण से मिथुुन राशि वाले जातकों को लाभ, कर्क वालों को सुख, वृश्‍च‍िक को सौख्‍य,  कुंभ को श्री हासिल होगा। इसी तरह मेघ को घात, वृष को हानि, सिंह को मान नाश, कन्‍या को मृत्‍यु तुल्‍य कष्‍ट, तुला को स्‍त्री पीड़ा, धनु वालों को चिंता, मकर को व्‍यथा और मीन वालों को क्षति का फल प्राप्‍त होगा। ग्रहण के समय ईश्‍वर का स्‍मरण करने से दोष का असर कम होता है।