Bihar Government: नीतीश सरकार ने कर दिया मासिक भत्ते का एलान, सीधा बैंक अकाउंट में आएगा पैसा
पंचायती राज विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों के लिए मासिक भत्ते का भुगतान प्रतिमाह करने का निर्णय लिया है। अब यह भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से जिला स्तर से सीधे जन-प्रतिनिधियों के खातों में किया जाएगा। विभाग ने भुगतान प्रक्रिया को शीघ्र लागू करने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं जिससे पारदर्शिता और तत्परता सुनिश्चित की जा सके।

राज्य ब्यूरो, पटना। त्रिस्तरीय पंचायतों में निर्वाचित होने वाले मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य, प्रमुख, पंचायत समिति सदस्य एवं जिला परिषद सदस्यों को मासिक भत्ते हर माह मिलेंगे। पंचायती राज विभाग ने यह निर्णय लिया है कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित सभी जन-प्रतिनिधियों के नियमित नियत मासिक भत्ते का भुगतान जिला स्तर से प्रतिमाह किया जाएगा।
वर्तमान में पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों के मासिक भत्ते का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से हर चौथे माह जिसमें अप्रैल, जुलाई एवं नवंबर में विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है। अब इनका भुगतान जिला स्तर से प्रतिमाह सुनिश्चित करने की विभाग ने योजना बनाई है।
जल्द से जल्द भुगतान करने का निर्देश
इस संबंध में सारी तैयारी शीघ्र पूर्ण करने दायित्व पंचायती राज विभाग के निदेशक को दिया गया है। साथ ही अविलंब भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसे लागू करने के लिए विभाग ने जिला स्तर पर मेकर, चेकर और एप्रूवर आईडी का निर्माण शीघ्र सुनिश्चित करने के लिए जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को निर्देश दिया है।
सीधा अकाउंट में जाएगा पैसा
- पीएफएमएस के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के नियमित भत्ते का भुगतान उनके सीधे खाते में किया जा सकेगा।
- जिला पंचायत राज पदाधिकारी के नाम से बचत खाता खोलने एवं संबंधित प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने को भी गया गया है।
- भुगतान प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए विभाग द्वारा जिला पंचायत कार्यालय के लेखापाल को मेकर, अपर जिला पंचायत राज पदाधिकारी को चेकर और जिला पंचायत राज पदाधिकारी को एप्रूवर के तौर पर नामित किया गया है।
नर्सों को सेवांत लाभ, अवकाश की स्वीकृति अब जिला के स्तर पर
दूसरी ओर, बिहार परिचारिका सेवा संवर्ग में कार्य बल की भारी संख्या को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि इन्हें सेवांत लाभ, सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना के साथ ही 60 दिनों की अवधि तक के अवकाश की स्वीकृति जिला स्तर पर दी जा सकेगी। नर्सो के सेवांत लाभ से लेकर एसीपी, एमएसीपी की स्वीकृति मुख्यालय स्तर पर होती थी।
इस व्यवस्था की वजह से कई प्रकार की तकनीकी समस्याएं आती थी। जिसे दूर करने के लिए सरकार ने सेवांत लाभ के साथ ही 60 दिनों के अवकाश की स्वीकृति की शक्तियां सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, मेडिकल काजेज अस्पताल के अधीक्षक, अति विशिष्ट अस्पताल के निदेशक को यह शक्तियां देने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। विभाग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि सेवा लाभ के भुगतान एवं सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना का लाभ देने के पूर्व संबंधित कर्मी का स्वच्छता प्रमाण पत्र विभाग से प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
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