Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार-यूपी में कैडर को पुनर्जीवित करने की साजिश रच रहे माओवादी, NIA की जांच में हुआ खुलासा

    By Jagran NewsEdited By: Prateek Jain
    Updated: Fri, 24 Nov 2023 11:11 PM (IST)

    नक्सली बिहार और यूपी में अपने कैडर को पुनर्जीवित करने की साजिश रच रहे हैं। खासकर बिहार के मगध क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) लेवी वसूलने से लेकर संगठन को फिर से खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं। साजिश को विफल करने और माओवादियों के बीच की कड़ी को तलाशने के लिए एनआईए ने गुरुवार को बिहार के पांच जिलों में 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

    Hero Image
    बिहार-यूपी में कैडर को पुनर्जीवित करने की साजिश रच रहे माओवादी, NIA की जांच में हुआ खुलासा

    राज्य ब्यूरो, पटना। नक्सली बिहार और यूपी में अपने कैडर को पुनर्जीवित करने की साजिश रच रहे हैं। खासकर बिहार के मगध क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) लेवी वसूलने से लेकर संगठन को फिर से खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसी साजिश को विफल करने और माओवादियों के बीच की कड़ी को तलाशने के लिए एनआईए ने गुरुवार को बिहार के पांच जिलों में 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

    एनआईए के अनुसार, छापेमारी का उद्देश्य मगध क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित और मजबूत करने की सीपीआई (माओवादी) की साजिश को विफल करना था। इसके तहत औरंगाबाद, रोहतास में आरोपितों और संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों पर छापेमारी की गई।

    वहीं कैमूर, गया और सारण (छपरा) में शीर्ष सीपीआई (माओवादी) कमांडरों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए एनआईए ने छानबीन की। इस दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एसडी कार्ड और हार्ड डिस्क सहित कई डिजिटल उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज, दो देसी पिस्टल और तीन लाख 53 हजार रुपये नकद जब्त किए गए हैं।

    एनआईए ने संभाली है दो केस की कमान 

    माओवादियों की साजिश को लेकर गया में दस अगस्त को केस दर्ज किया गया था। इसमें सीपीआई (माओवादी) के पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो के प्रमुख प्रमोद मिश्रा और सब-जोनल कमांडर अनिल यादव पर गया और औरंगाबाद क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को बढ़ाने का आरोप लगा था।

    एनआईए ने 31 अगस्त को इस मामले को टेकओवर किया। वहीं, औरंगाबाद में सात अगस्त को रोहित राय और प्रमोद यादव के पास से हथियार और आपत्तिजनक बुकलेट आदि बरामद हुए थे, जिसके बाद एनआईए ने 26 सितंबर को केस दर्ज किया।

    इन दोनों मामलों की छानबीन में ही माओवादियों की साजिश और हिंसक गतिविधियों से जुड़ी जानकारी मिली थी, जिसके बाद एनआईए ने अग्रेतर कार्रवाई की है।

    यह भी पढ़ें - Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर प्रशांत किशोर का बयान, बोले- देश में कहीं भी दुर्घटना हो, मरता हमेशा...

    यह भी पढ़ें - Lakhisarai Firing: लखीसराय को दहलाने वाला 'सनकी आशिक' कब होगा गिरफ्तार? घटना के 5 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली