ट्रांसफर में बिहार के एक शिक्षक की गलती पर बढ़ेगी कई टीचरों की परेशानी, विभाग जारी करने जा रहा गाइडलाइन
पारस्परिक स्थानांतरण की सुविधा ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से राज्य के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को मिली है। इस व्यवस्था के तहत स्थानांतरण के इच्छुक एक ही विषय एवं एक केटेगरी के शिक्षक अधिकतम दस शिक्षकों का समूह बनाना होगा तभी आपस में परस्पर स्थानांतरण ले सकेंगे। इसमें एक पेंच भी है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को खुद पारस्परिक स्थानांतरण की सुविधा ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से मिली है। लेकिन, इस व्यवस्था के तहत स्थानांतरण के इच्छुक एक ही विषय एवं एक केटेगरी के शिक्षक अधिकतम दस शिक्षकों का समूह बनाना होगा तभी आपस में परस्पर स्थानांतरण ले सकेंगे।
इस प्रक्रिया के तहत संबंधित शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश तीन दिनों में जारी होंगे और सात दिनों के अंदर संबंधित शिक्षक चयनित विद्यालय में अनिवार्य रूप से योगदान करेंगे। यदि पूरे समूह में एक भी शिक्षक योगदान देने से इनकार करेंगे, तो समूह के सभी शिक्षकों का स्थानांतरण आदेश रद हो जाएगा।
शिक्षकों के परस्पर स्थानांतरण को लेकर शिक्षा विभाग ने एक गाइडलाइन तैयार किया हैजिसे जल्द ही सभी जिलों को जारी किया जाएगा। इससे शिक्षकों को अपना स्थानांतरण कर विद्यालय चयन स्वयं करने में सुविधा होगी। इसके तहत एक ही प्रकार के शिक्षक दो या दो से अधिक अधिकतम दस शिक्षकों का अपना समूह बना कर अपने बीच उन विद्यालयों में परस्पर स्थानांतरण कर सकेंगे।
चूंकि शिक्षा विभाग द्वारा इस माह जून में विभिन्न तिथियों को शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है, इसलिए विशेष स्थिति में यह व्यवस्था 10 जुलाई से 31 जुलाई तक उपलब्ध रहेगी। इस व्यवस्था में राज्य मुख्यालय अथवा जिला स्थापना समिति की भूमिका अथवा कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा।
विद्यालयों में रिक्त हुए पदों को भरने की चुनौती
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों को पारस्परिक स्थानांतरण के जरिए अपना स्थानांतरण खुद लेने का अधिकार इसलिए दिया गया है, क्योंकि स्थानांतरण की वजह से विद्यालयों में रिक्त हुए पदों को भरने की चुनौती विभाग के समक्ष हो गई है।
पारस्परिक स्थानांतरण के जरिए शिक्षकों को अपना स्थानांतरण खुद लेने संबंधी आदेश में शिक्षा विभाग ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न चरणों में शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। यह भी देखा गया है कि शिक्षकों का 400 किलोमीटर की दूरी से 30 किलोमीटर की दूरी पर पदस्थापन होने के बावजूद वे संतुष्ट नहीं हैं और उनके द्वारा विभिन्न स्तर पर शिकायत दर्ज करायी जा रही है।
साथ-ही-साथ जिस विद्यालय से कुछ शिक्षकों का स्थानांतरण हो गया, लेकिन वहां कोई शिक्षक पदस्थापित नहीं हो सके, वहां शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है।ऐसे विद्यालयों की संख्या पांच हजार से अधिक है।
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