राज्यसभा सीट पर जीतन राम मांझी को नहीं मिला मंत्री बेटे का साथ; संतोष सुमन ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष कुमार सुमन के राज्यसभा सीट को लेकर अलग-अलग सुर हैं। मांझी एनडीए पर दबाव बना रहे हैं, जबकि संतोष सुमन ...और पढ़ें

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, मंत्री संतोष कुमार सुमन व सीएम नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यसभा की एक सीट पर दावेदारी कर रहे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और उनके पुत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन के सुर अलग-अलग दिख रहे हैं।
मांझी जहां राज्यसभा सीट के लिए मीडिया में बयान देकर एनडीए पर दबाव बना रहे हैं, वहीं संतोष सुमन इसे कोई मुद्दा न बताते हुए पिता को मीडिया में इस तरह का बयान न देने की सलाह दे रहे हैं।
एनडीए छोड़ने की चेतावनी दी थी मांझी ने
जीतन राम मांझी ने कुछ दिन पूर्व गया में आयोजित कार्यक्रम में मंच से बेटे संतोष कुमार सुमन को सलाह दी कि राज्यसभा की एक सीट हम के लिए मांगी जानी चाहिए।
ऐसा नहीं होने पर संतोष कुमार सुमन को मंत्री पद छोड़ देना चाहिए। संतोष अभी राज्य की एनडीए सरकार में लघु जलसंसाधन मंत्री हैं।
पिता के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संतोष सुमन ने कहा कि राज्यसभा सीट कोई मुद्दा नहीं है। किसी एक व्यक्ति के बोलने से राज्यसभा सीट नहीं मिलती।
यह सभी की सहमति से होता है। यह सभी बातें उचित फोरम पर रखी जानी चाहिए। मीडिया में इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।
यह हमारा आपसी मामला
शनिवार को मांझी (Jitan Ram Manjhi) पटना के गांधी मैदान में लगे सरस मेले में पहुंचे तो मीडिया ने उनसे बेटे की नसीहत को लेकर सवाल पूछा।
इस पर मांझी ने कहा कि संतोष सुमन क्या कह रहे हैं, यह हमारा आपसी मामला है। इसे हमें देख लेंगे। वहीं मनरेगा का नाम बदले जाने पर मांझी ने कहा कि गांधी जी ने जब प्राण त्यागे थे तो हे राम ही कहा था। उन्हीं के आदर्श पर चलते हुए वीबी-जीरामजी रखा गया है।
मांझी का बयान कई दिनों तक सुर्खियों में बना रहा, लेकिन अब उनके तेवर में नरमी साफ दिख रही है।

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