Bihar Politics: मंगनी लाल का नीतीश से मोहभंग, फिर ज्वाइन की RJD; प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मिलेगी?
पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल (Mangani Lal Mandal) ने जदयू छोड़कर फिर से राजद का दामन थाम लिया है। राजद में उनकी वापसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि संगठन में मंडल की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। मंडल ने जदयू पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी अब वह नहीं रही जिसका दावा नीतीश कुमार करते हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। अपने समर्थकों के साथ पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल (Mangani Lal Mandal) फिर राजद में लौट आए हैं। वे अभी तक जदयू के महासचिव थे। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में उन्हें राजद की सदस्यता दिलाते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि संगठन में मंडल की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
पटना प्रवास के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात से संबंधित प्रश्न को तेजस्वी टाल गए। साथ ही इसे भी अनसुना कर गए कि आखिर क्या कारण है कि महागठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों के कार्यक्रम एक ही तिथि पर आयोजित हैं? उल्लेखनीय है कि शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी पटना में रहेंगे, जहां राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक प्रस्तावित है।
'वोट का राज छोट का राज'
अपनी उपेक्षा की व्यथा के साथ मंडल ने कहा कि जदयू वह पार्टी नहीं रही, जिसका दावा नीतीश कुमार करते हैं। जनता ठगा महसूस कर रही है। वोट का राज छोट का राज होता है। लालू की सरकार जनता की चुनी हुई सरकार थी। उस शासन-काल को जंगल-राज बताने का स्पष्ट आशय है कि गरीब-वंचित व हाशिये के लोग जंगली हैं! जाति आधारित गणना का लाभ नहीं मिल रहा। नौकरी देने की शुरुआत तेजस्वी ने की और श्रेय कोई दूसरा ले रहा।
'साढ़े तीन लोग बिहार को लूट रहे'
मंडल को प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व की संभावना वाले प्रश्न को टालते हुए तेजस्वी ने कहा कि अभी सदस्यता अभियान चल रहा है। राजद को सत्ता तक पहुंचाने के लिए उन्हें (तेजस्वी) और युवाओं को मंडल से विशेष मार्गदर्शन की अपेक्षा है। अभी मुख्यमंत्री का चेहरा आगे कर साढ़े तीन लोग बिहार को लूट रहे हैं। डीके बास सुपर सीएम बने हुए हैं। साढ़े तीन आदमी वाली बात मंडल ने ही छेड़ी थी, जिसे तेजस्वी ने आगे बढ़ाया।
फिर छेड़ा आरक्षण का मुद्दा
संविधान व आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और सरकार की आलोचना की। कहा कि आरक्षण की लड़ाई में राजद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है। पिछड़ा-अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति-जनजाति को 16 प्रतिशत आरक्षण का नुकसान हो रहा। महंगाई-बेरोजगारी चरम पर है। पॉपकॉर्न तक पर जीएसटी लगा रहे।
बिहार भ्रष्टाचार का केंद्र बना गया है। यहां 95 लाख परिवार 6000 रुपये मासिक पर गुजारा कर रहे। सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही। विशेष दर्जा की मांग कहां है।
'अमित शाह भी दौड़े आएंगे...'
उन्होंने कहा बिहार में केवल जुमलेबाजी हो रही। इस चुनावी वर्ष में केंद्रीय एजेंसियां भी कुछ अधिक सक्रिय हो जाएंगी और केंद्रीय मंत्री कूद-कूद कर बिहार आएंगे। इस बीच अमित शाह भी दौड़े आएंगे, लेकिन बिहार नीतीश कुमार के 20 वर्षों के शासन का हिसाब मांग रहा।
इसी के साथ उन्होंने महिलाओं व नकदी हस्तांतरण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाने व एक सीमा तक नि:शुल्क बिजली दिए जाने से संबंधित अपना वादा दोहराया। कहा कि सत्ता में आने पर राजद अधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापन में कामकाज व प्रदर्शन को महत्व देगा।
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