By Nalini RanjanEdited By: Prateek Jain
Updated: Mon, 18 Dec 2023 10:44 PM (IST)
Bihar Teacher News बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने सोमवार को शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई) 2.0 में भाषा (अर्हता) के अंक को शून्य कर दिया है। केवल वर्ग एक से पांच तक के भाग-एक भाषा अर्हता के अंक को मेधा सूची तैयार करने में उपयोग किया जाएगा। वर्ग एक से पांच को छोड़कर अन्य सभी वर्गों के विषयों की परीक्षा में भाग-1 भाषा (अर्हता) के अंक को समाप्त कर दिया।
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने सोमवार को शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई) 2.0 में भाषा (अर्हता) के अंक को शून्य कर दिया है। केवल वर्ग एक से पांच तक के भाग-एक भाषा अर्हता के अंक को मेधा सूची तैयार करने में उपयोग किया जाएगा।
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इस बाबत आयोग के परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि वर्ग एक से पांच को छोड़कर अन्य सभी वर्गों के विषयों की परीक्षा में भाग-1 भाषा (अर्हता) के अंक को समाप्त कर दिया है। केवल वर्ग एक से पांच के भाग-1 भाषा (अर्हता) के प्राप्तांक को मेधा सूची तैयार करने में प्रयोग किया जाएगा।
बदले गए नियम, पहले अनिवार्य था पास होना
द्वितीय चरण की शिक्षक नियुक्ति में अभ्यर्थियों को भाग-एक में भाषा के प्रश्नों में पास होना अनिवार्य था। इसमें 30 अंकों की परीक्षा ली गई थी। हर शिक्षक श्रेणी के अभ्यर्थियों को 150 प्रश्न वाली एक प्रश्नपुस्तिका दी गई, जो तीन अलग-अलग खंडों में बंटी थी।
खंड एक में 30 अंक भाषा के थे। यह क्वालीफाईंग था, जिसे बीपीएससी ने सोमवार को खत्म कर दिया। खंड दो में सामान्य अध्ययन के 40 प्रश्न और खंड तीन में विषय के 80 प्रश्न थे। इन दोनों खंड के 120 प्रश्न के अंकों के आधार पर मेधा सूची बनेगी।
डीएलएड अभ्यर्थियों को बीएड प्रमाणपत्र की जानकारी देने का मौका
बीपीएससी ने वर्ग छह से आठ के अध्यापक पद के लिए नियुक्त अभ्यर्थियों के एनआइओएस से डीएलएड के आधार पर आवेदन करने की स्थिति में यदि वह बीएड कर रखें हो तो वह अपना विवरण दे सकते हैं। इसके लिए आयोग ने 19 एवं 20 दिसंबर तक अपने लॉगिंग में जाकर बदलाव करने का मौका दिया है।
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