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    Opposition: महाराष्ट्र में बदले सियासी हालात से विपक्षी एकता की मुहिम को झटका! फिर बदलेगी महाबैठक की तारीख?

    Opposition Unity Meeting बिहार की राजधानी पटना से 23 जून को शुरू हुई विपक्षी एकता की मुहिम की रुकावटें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब खबर है कि महाराष्ट्र के हालात का विपक्ष की महाबैठक पर असर पड़ा है। इससे महाबैठक के आयोजन की तारीख बदल गई है। यह तीसरी बार है जब बैठक की तारीख बदली गई है।

    By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sun, 02 Jul 2023 10:47 PM (IST)
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    Opposition Unity Meet: विपक्षी एकजुटता की महाबैठक की तारीख फिर बदली, अब 17-18 जुलाई को होगी।

    राज्य ब्यूरो, पटना। Opposition Unity Meeting: महाराष्ट्र में बदले सियासी हालात का असर विपक्षी एकजुटता की मुहिम पर पड़ता नजर आ रहा है। कारण कि विपक्ष की बेंगलुरु में होने वाली दूसरी महाबैठक की तारीख फिर बदल गई है।

    अब यह बैठक 17 और 18 जुलाई को होगी। विपक्ष के राजनीतिक दिग्गजों की अपने राज्य में व्यस्तता की वजह से महाबैठक की तारीख में दूसरी बार बदलाव किया गया है।

    पटना में तय हुई थी 12-13 जुलाई की तारीख

    पटना में 23 जून को हुई विपक्षी एकता की पहली महाबैठक में सर्वसम्मति से यह तय हुआ था कि 12-13 जुलाई को शिमला में विपक्ष की दूसरी महाबैठक होगी।

    उक्त बैठक में यह तय होगा कि किस तरह से भाजपा के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तथा सीटों के बंटवारे का क्या आधार होगा?

    विपक्षी एकजुटता के अभियान को लेकर संयोजक का नाम तय किए जाने पर भी निर्णय होना है।

    शरद पवार ने कहा था- महाबैठक 14-15 जुलाई को होगी

    इसके बाद बीते गुरुवार को एनसीपी नेता शरद पवार ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि महाबैठक 14-15 को होगी और शिमला की जगह आयोजन बेंगलुरु में होगा।

    हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में पवार के हवाले से यह तारीख 13-14 जुलाई बताई गई है। वहीं, अब खबर है कि यह महाबैठक 17-18 जुलाई को होगी। वैसे आधिकारिक तौर पर इसकी भी घोषणा नहीं हुई है।

    बिहार में मानसून सत्र बताया जा रहा कारण

    तारीख में दूसरी बार परिवर्तन के संबंध में यह कहा जा रहा है कि जिस तारीख के बारे में शरद पवार ने कहा उस अवधि में बिहार में विधानसभा का मानसून सत्र होना है।

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    ऐसे में लगातार दो-तीन दिन तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बाहर रहना संभव नहीं है। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को भी निजी वजहों से इस अवधि में बाहर निकलने में परेशानी थी।

    शरद पवार भी महाराष्ट्र के घटनाक्रम की वजह से स्थिर नहीं हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र के बदले सियासी हालात में लगभग सभी दलों ने अपने नेताओं की बैठक बुला ली है। 

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