चुनाव से पहले महागठबंधन ने साधी ताल, एजेंडे में झलकी लोकलुभावन झलक
बिहार में महागठबंधन चुनाव से पहले साझा घोषणा पत्र लाने की तैयारी में है। इसमें सामाजिक न्याय, आर्थिक सशक्तिकरण, और रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 'माई-बहिन मान योजना' के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता, मुफ्त बिजली, पेंशन में वृद्धि, और स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाएं शामिल हैं। महागठबंधन जातीय संतुलन और सामाजिक समानता पर भी जोर दे रहा है। छठ महापर्व के बाद घोषणा पत्र जारी होने की संभावना है।

गठबंधन में साझा घोषणा पत्र पर मंथन जारी
सुनील राज, पटना। बिहार में महागठबंधन ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा और उप मुख्यमंत्री पद के संतुलन के बाद अब अब चुनावी वादों को एक साझा मंच पर लाने की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं। गठबंधन की विभिन्न समितियां इस पर मंथन कर रही हैं। संभव है कि इस महीने के अंत तक महागठबंधन अपना साझा घोषणा पत्र जारी करे।
जानकारी के मुताबिक, घोषणा पत्र में सामाजिक न्याय और आर्थिक सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर नीतियां तैयार की जा रही हैं। उद्देश्य साफ है कि महागठबंधन के प्रमुख घटक राजद, कांग्रेस, वाम दलों और वीआइपी के साझा एजेंडे को जनता के सामने एक स्वर में पेश करना है। राजद और कांग्रेस के साथ वामदलों की कोशिश है कि वादे जमीनी हों और जनता की रोजमर्रा की समस्याओं से सीधे जुड़ें। कांग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी की माने तो महागठबंधन के प्रमुख घटक राजद-कांग्रेस संयुक्त रूप से माई-बहिन मान योजना पर सहमत हो गए हैं। योजना के तहत गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की महिलाओं को प्रतिमाह निश्चित आर्थिक सहायता दी जाएगी।
असितनाथ मानते हैं कि दोनों घटक दल इस योजना को महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का बड़ा कदम मानते हैं। इस महत्वपूर्ण योजना के अलावा गठबंधन ने आम जनता को राहत देने के लिए बिजली बिल में कटौती के लिए 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। इसी तरह, वृद्धजन और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन में वृद्धि तथा मुफ्त स्वास्थ्य बीमा योजना पर भी सहमति बन रही है।
हालांकि इन योजनाओं की घोषणा पूर्व में ही की जा चुकी हैं। बावजूद अब ये महागठबंधन के साझा घोषणापत्र का हिस्सा बनेंगी। पूर्व में दलों के स्तर पर ये घोषणाएं की गई थी।
रोजगार पर होगा सर्वाधिक फोकस
सूत्रों की माने तो घोषणा पत्र का मुख्य आधार युवाओं को रोजगार देना होगा। महागठबंधन के सभी प्रमुख दल विशेष कर राजद लगातार नौकरियों-रोजगार की बात करता रहा है। यहां बता दें कि तेजस्वी यादव ने बीते दिनों घोषणा की थी कि महागठबंधन की सरकार बनी तो बिहार के प्रत्येक घर से एक-एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
बताया जा रहा है कि साझा घोषणा पत्र में सरकारी रिक्तियों को भरने, निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन और स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर फोकस होगा। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा भी प्राथमिकता में होगा।
जातीय संतुलन और सामाजिक न्याय पर जोर
महागठबंधन अपने पारंपरिक एजेंडे सामाजिक न्याय, आरक्षण और समान अवसर को भी घोषणा पत्र का हिस्सा बना रहा है। पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के उत्थान के लिए विशेष योजनाएं जोड़ी जा रही हैं। कांग्रेस ने सुझाव दिया है कि जातीय सर्वे के निष्कर्षों के अनुरूप विकास कार्यक्रमों का फोकस तय किया जाए।
महागठबंधन की कोशिश है कि जनता के बीच एक ऐसा संदेश जाए कि यह गठबंधन सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समानता का विकल्प पेश कर रहा है। सूत्रों की माने तो साझा घोषणा पत्र की कवायद अंतिम दौर में है और उम्मीद है कि छठ महापर्व के बाद इसे संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के जारी भी कर दिया जाएगा।

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