Bihar Politics: 'लोकतंत्र की जननी बिहार से लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश शुरू', तेजस्वी ने क्यों कह दी इतनी बड़ी बात?
पटना महागठबंधन ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर सवाल उठाए हैं। राजद नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग से मिलने का समय नहीं मिल रहा आयोग अपने फैसले बदल रहा है जिससे प्रक्रिया संदिग्ध है। महागठबंधन सर्वदलीय बैठक की मांग कर रहा है। पलायन करने वाले और गरीब लोगों के दस्तावेज़ों को लेकर चिंता जताई गई है। कांग्रेस ने भाजपा पर सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

राज्य ब्यूरो, पटना। मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर महागठबंधन लगातार अपनी आपत्तियां दर्ज करा रहा है। मंगलवार को कांग्रेस नेताओं के साथ प्रेस कांफ्रेंस में राजद नेता ने कहा कि लोकतंत्र की जननी बिहार से लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश शुरू हो गई है। हम अपना पक्ष रखने और आपत्ति दर्ज कराने के लिए समय मांग रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग मिलने का समय तय नहीं कर रहा है।
चुनाव आयोग खुद असमंजस में है। वह हर दिन अपने ही फैसले और पुनरीक्षण प्रक्रिया को बदल रहा है। इससे इस पूरी प्रक्रिया पर संदेह पैदा होता है। महागठबंधन पहले ही सर्वदलीय बैठक की मांग कर चुका है, लेकिन हमारी बातों को अनसुना किया जा रहा है। पढ़ाई, कमाई, दवाई आदि के लिए बाहर गए लोगों का क्या होगा?
बिहार से तीन करोड़ से अधिक पंजीकृत पलायन हुआ है। ऐसे में सबसे ज्यादा प्रभावित अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा, अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग होंगे। गरीबों के पास प्रमाण के तौर पर मांगे गए 11 दस्तावेज नहीं हो सकते हैं। जाति आधारित जनगणना में गरीबी रेखा से नीचे चिह्नित 94 लाख लोगों के लिए कौन से दस्तावेज मान्य होंगे, यह बताया जाना चाहिए। वैसे भी बिहार सतर्क है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने आरोप लगाया कि भाजपा और केंद्र सरकार के इशारे पर सरकारी एजेंसियां काम कर रही हैं। सरनेम देखकर वोटर लिस्ट से मतदाताओं का नाम हटाया जाएगा, क्योंकि केंद्र और बिहार सरकार की मंशा ठीक नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. शकील अहमद खान, अब्दुलबारी सिद्दीकी, संजय यादव, शक्ति सिंह यादव, एजाज अहमद आदि मौजूद थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।