Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Politics: मतदाता सूची पर महागठबंधन की आपत्ति, चुनाव आयोग से मांगा जवाब

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sat, 02 Aug 2025 10:29 AM (IST)

    पटना में महागठबंधन ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है जिसमें 10 बिंदुओं पर जवाब और जानकारी मांगी गई है। महागठबंधन ने मतदाता सूची से नाम हटाने पर नियमों के पालन पर सवाल उठाया है और आयोग से विस्तृत विवरण प्रदान करने का अनुरोध किया है।

    Hero Image
    महागठबंधन ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर आपत्ति जता रही महागठबंधन की चुनाव आयोग एवं विधि संबंधी उपसमिति ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 10 बिंदुओं पर जवाब और संबंधित ब्योरा मांगा है। समिति के सदस्य चित्तरंजन गगन ने यह जानकारी दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुक्रवार को चुनाव आयोग के साथ बैठक में महागठबंधन ने अपने सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। बताया गया कि अब पत्र सौंपकर ब्योरा मांगा गया है।

    गगन ने कहा कि निर्वाचन प्रतिनिधित्व अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान है कि मतदाता सूची से किसी का नाम हटाए जाने की स्थिति में संबंधित मतदाता को नोटिस दिया जाएगा। सवाल यह है कि जिन 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, क्या उनमें इस प्रावधान का पालन किया गया।

    बैठक में राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन, प्रदेश महासचिव मदन शर्मा, कार्यालय प्रभारी महासचिव मुकुंद सिंह, भाकपा-माले से कुमार परवेज, कांग्रेस से संजय भारती व मुन्नानजी, जदयू से अनिल कुमार आदि मौजूद थे।

    मांगे गए विवरण

    7 जनवरी, 2025 को प्रकाशित मतदाता सूची, एसआईआर में फॉर्म भरने वाले मतदाताओं की संख्या, ड्राफ्ट सूची से हटाए गए नामों का विवरण, कारण सहित, बीएलओ द्वारा अनुशंसित और असंशोधित फॉर्मों की संख्या आदि।

    बिना दस्तावेज और बिना फोटो वाले फॉर्म, कितने मतदाताओं को पावती दी गई और साथ ही, विधानसभावार कितने मतदाताओं के नाम हटाए गए, आदि का विवरण मांगा गया है। संदिग्ध, अवैध, प्रवासी और विदेशी मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराने का अनुरोध है।

    साथ ही, यह भी अनुरोध है कि स्थायी प्रवासित, ट्रेसलेस मतदाताओं की संख्या 7 जनवरी को प्रकाशित मतदाता सूची के बाद की है या नहीं।