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    बड़े लोग पीते हैं एक लाख तक की बोतल! जीतन राम मांझी ने कहा-उनके घर के कैम्‍पस में मिली शराब, माफिया को राजनीति‍क संरक्षण

    By Vyas ChandraEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 04:16 PM (IST)

    Bihar News: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह कानून सही है, लेकिन इसका क्रियान्वयन ठीक नहीं है ...और पढ़ें

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    शराबबंदी कानून के क्र‍ियान्‍वयन पर जीतन राम मांझी के सवाल। जागरण आर्काइव

    ड‍िज‍िटल डेस्‍क, पटना। Liquor Ban in Bihar: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी पर सवाल उठाए हैं। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्‍यक्ष ने कहा कि यह कानून ठीक है, लेकिन इसका क्रियान्‍वयन सही नहीं है। 

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    उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री, विधायक, पदाधिकारी 50 हजार से एक लाख तक की बोतल खरीदकर रात 10 बजे के बाद पीते हैं, उनपर तो कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन जो मजदूर वर्ग का आदमी है, कहीं 50 या सौ ग्राम पी लेता है तो उसको जेल भेज दिया जाता है। 

    'क्या जनता से कोई चिढ़ है?'

    पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा क‍ि दिनभर की मेहनत के बाद कोई थोड़ी सी पी लेता है, या दवा के रूप में अपनी पत्‍नी के ल‍िए ले जा रहा होता है, उसी को पुलिस पकड़ती है। 

    उन्होंने सवाल किया कि क्या वर्तमान प्रशासन को जनता से कोई चिढ़ है? उन्होंने कहा कि राज्‍य में छह लाख ऐसे मुकदमे हैं, जिनमें से चार लाख केवल गरीब वर्ग के लोगों पर ही दायर हैं। 

    बातचीत के क्रम में जीतन राम मांझी ने कहा कि गया के खिजरसराय में उनका घर है। वह बहुत दिन से वहां गए नहीं थे। उनका घर थाने के बिल्‍कुल पास ही है। कुछ दिन पहले उन्‍होंने जब वहां की सफाई करवाई तो 10 कंटेनर शराब मिला।

    क्या नीतीश उसको पकड़वाने आएंगे: जीतन राम

    उन्‍होंने कहा, '’अब बताइए, क्‍या नीतीश कुमार उसको पकड़वाने आएंगे। जब थाने के पास यह हाल है तो दूसरे जगह की स्‍वत: कल्‍पना की जा सकती है।''

    मांझी यहीं नहीं रुके, उन्‍होंने कहा कि शराब के बड़े-बड़े माफिया हैं, वे 10-20 करोड़ देकर चुनाव लड़ते हैं। जीत भी जाते हैं। उनपर कोई एक्‍शन नहीं होता। उनकाे राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है।

    इस क्रम में एक बार फिर उन्‍होंने दोहराया कि उनके माता-पिता भी शराब बनाते थे। उन्‍होंने दावा किया कि महुआ या ईख की शराब खराब नहीं होती है। इनको बनाने में आठ दिन का वक्‍त लगता है। इनमें कई ऐसे पदार्थ डाले जाते हैं, जो काफी फायदेमंद होते हैं।

    हम तो सरकार के मित्र: मांझी

    उन्‍होंने कहा कि माफिया जो शराब बनाते हैं, वह दो घंटे में ही तैयार हो जाता है और जहर के समान होता है। गरीब वर्ग ही उसका सेवन करता है और उसकी सेहत खराब हो रही है। 

    बातचीत के क्रम में मांझी ने रामचरित मानस की पंक्‍त‍ि दोहराई, क‍ि सचिव, वैद्य, मित्र यदि गलत सलाह देंगे तो राजा बर्बाद होगा। 

    उन्‍होंने कहा, ''हम तो सरकार के मित्र हैं, गलत सलाह नहीं दे सकते। इतना ही कहेंगे कि कानून का ठीक तरीके से क्रियान्‍वयन हो, और जो आदतन पीने वाले नहीं हैं, उनको नहीं पकड़ा जाए।''

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