लता मंगेशकर के भोजपुरी गानों का सफर आज भी है जारी
आज लता मंगेशकर का जन्मदिन है। लता मंगेशकर को भोजपुरी गीतों से भी काफी लगाव रहा है। आज भी लागी नाहीं छूटे रामा चाहे जीया जाए...लोगो को पसंद हैं।
पटना [काजल]। बार-बार दिन ये आए, बार-बार दिल ये गाए तुम जियो हजारों साल यही है आरजू....आज स्वर साम्राज्ञी, जादुई आवाज की मलिका भारत रत्न लता मंगेशकर अपना 87वां जन्मदिन मना रही हैं। उनकी खनकती आवाज ने करोड़ों फैंस को अपना दीवाना बनाया है और उनके सुरीले संगीत के आगे आज सारी दुनियां नतमस्तक है।
लता मंगेशकर को है भोजपुरी गीतों से लगाव
स्वर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर का भोजपुरी गीतों के प्रति भी काफी लगाव है। वे खुद मानती हैं कि भोजपुरी में गाए गए गीत किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकते हैं। उन्होंने खुद कहा कि भोजपुरी लोकगीतों की स्वर लहरियां बेमिसाल हैं। साठ के दशक में बनी पहली भोजपुरी फिल्म- गंगा मइया तोहे पियरी चढइबो के कई गानों को लता मंगेशकर ने ही आवाज दी थी।
भोजपुरी फिल्मों में 'लागी नाही छूटे रामा' एक बहुत ही मशहूर फ़िल्म रही है जो सन् 1963 में बनी थी। हिन्दी फ़िल्म जगत के उस वक्त ऐसे दो मशहूर संगीतकार थे जिनका भोजपुरी फ़िल्म संगीत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये थे एस. एन. त्रिपाठी और चित्रगुप्त। फ़िल्म 'लागी नाही छूटे राम' में चित्रगुप्त का संगीत था।
आज भी लोगों को पसंद है लागी नाही छूटे रामा...
गीत के बोल थे "जा जा रे सुगना जा रे, कही दे सजनवा से, लागी नाही छूटे रामा चाहे जीया जाये, भयी ली आवारा सजनी, पूछ ना पवनवा से, लागी नाही छूटे रामा चाहे जिया जाये"। इस गाने को लता जी ने इतना अच्छा गाया था कि यह गीत अाज भी लोकप्रिय है। यह गीत सुपर हिट रहा था और खुद लता मंगेशकर को यह गीत बहुत पसंद है।
संगीतकार चित्रगुप्त के निर्देशन में रहती थीं सहज
चित्रगुप्त के संगीत निर्देशन मे लता मंगेशकर इतनी सहज होती थीं कि पूरी तन्मयता से उस गीत को मधुर बनाने में उनका साथ देती थीं। पहली भोजपुरी फिल्म गंगा मैया तोहे पियरी चढइबो के गाने के लिए लता जी ने चित्रगुप्त जी से कोई रुपये पैसे की मांग नही की थी। उनकी चाहत केवल चित्रगुप्त जी की सुमधुर धुन को स्वर देना था।
आज भी है भोजपुरी गानों से लगाव
आज भी लता मंगेशकर को भोजपुरी से लगाव है इसीलिए उन्होंने भोजपुरी फिल्म उमरिया कइली तोहरे नाम के गीतों को अपनी आवाज दी है। रिकॉर्डिंग के बाद लता मंगेशकर ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि इतने साल बाद उन्हें भोजपुरी गीत गाने का अवसर मिला है।उमरिया कईली तोहरे नाम में सुन सकेंगे लता जी के गीत
उमरिया कइली तोहरे नाम के निर्माता-निर्देशक राधेश्याम दुबे ने इस मौके पर कहा कि लता मंगेशकर जैसे अनमोल रत्न का सहयोग पाने का अवसर किसी-किसी को ही मिलता है। लता मंगेशकर ने इस फिल्म के चार गीतों को गाया है। इस फिल्म के लिए संगीतकार राम-लक्ष्मण ने संगीत दिया है। उनकी यह पहली भोजपुरी फिल्म है। इस फिल्म के लिए विनय बिहारी ने गीत लिखे हैं। फिल्म को इस साल दशहरा, दीपावली के मौके पर रिलीज किया जाएगा।
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