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KK Pathak: अपनी मर्जी के मालिक केके पाठक! गवर्नर ऑफिस में नहीं हुए हाजिर, राज्यपाल लेंगे एक्शन?

राजभवन सचिवालय ने इस बात की पुष्टि की कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को राज्यपाल एवं कुलाधिपति के कार्यालय कक्ष में सोमवार को उपस्थित होने के लिए कहा गया था इसके लिए राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थूने उन्हें दस अप्रैल को ही पत्र लिखा था किंतु केके पाठक राजभव नहीं आए। राजभवन ने इसे अनुशासनहीनता माना है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Published: Mon, 15 Apr 2024 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2024 07:23 PM (IST)
अपनी मर्जी के मालिक केके पाठक! गवर्नर ऑफिस में नहीं हुए हाजिर, राज्यपाल लेंगे एक्शन?

राज्य ब्यूरो, पटना। राजभवन के बुलावे पर भी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं गए। उन्हें राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के कार्यालय कक्ष में सोमवार को पूर्वाह्न दस बजे बुलाया गया था। किंतु, केके पाठक सोमवार को पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे विकास भवन में स्थित शिक्षा विभाग के अपने कार्यालय कक्ष में सामान्य कामकाज का निष्पादन करते रहे।

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दोपहर करीब दो बजे लंच पीरियड में केके पाठक अपने दफ्तर से आवास के लिए निकल गए। इसके बाद वे अपराह्न करीब तीन बजे तक शिक्षा विभाग में लौट आए।

वहीं, राजभवन सचिवालय ने इस बात की पुष्टि की कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को राज्यपाल एवं कुलाधिपति के कार्यालय कक्ष में सोमवार को उपस्थित होने के लिए कहा गया था, इसके लिए राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थूने उन्हें दस अप्रैल को ही पत्र लिखा था, किंतु केके पाठक राजभव नहीं आए। राजभवन ने केके पाठक को बुलाने पर भी नहीं आने को गंभीरता से लिया है और इसे अनुशासनहीनता माना है।

नौ अप्रैल को भी राजभवन की बैठक में नहीं गए थे पाठक

राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने नौ अप्रैल को राजभवन में कुलपतियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलायी थी। इसमें केके पाठक को भी आमंत्रित किया गया था, किंतु उस बैठक में केके पाठक नहीं गए थे। यहां तक कि शिक्षा विभाग के कोई अन्य अधिकारी भी उक्त बैठक में नहीं शामिल हुए थे।

उस बैठक में महत्व इसी से समझा जा सकता है कि शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगाने से संबंधित संस्थानों में तमाम वित्तीय कामकाज बिल्कुल ठप हो चुका है। यहां तक कि शिक्षकों और कर्मचारियों को तीन माह का वेतन-पेंशन भुगतान तक नहीं हुआ है। इन्ही समस्याओं के समाधान कराने हेतु राज्यपाल व कुलाधिपति की अध्यक्षता में राजभवन में वो बैठक थी।

राज्यपाल के प्रधान सचिव ने केके पाठक को लिखा पत्र

इससे पहले भी राजभवन में कुलपतियों की बैठक में बुलावे पर भी केके पाठक नहीं गए थे, लेकिन नौ अप्रैल की बैठक में केके पाठक के नहीं आने के मामले को राज्यपाल ने गंभीरता से लिया है। तब इस संबंध में राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू ने केके पाठक को पत्र लिखा।

पत्र में केके पाठक से कहा गया है कि राज्यपाल द्वारा इस संदर्भ में खेद व्यक्त करते हुए पृच्छा की है कि किन परिस्थितियों में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा बैठक में भाग नहीं लिया गया? अतः निदेशानुसार सूचित करना है कि 15 अप्रैल को राज्यपाल एवं कुलाधिपति के कार्यालय कक्ष उपस्थित होने की कृपा की जाए।

12 को केके पाठक ने भी राजभवन को लिखा था कड़ा पत्र

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 12 अप्रैल को राजभवन को कड़ा पत्र लिखा था और राज्यपाल व कुलाधिपति के अधिकारों को चुनौती दी थी। तब उन्होंने कुलाधिपति को शिक्षा विभाग के मामले में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा था कि कुलाधिपति के पास विभाग को निर्देश देने का अधिकार नहीं है।

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