KK Pathak: 'जब मैं सरकारी सेवा में था...', केके पाठक के मुरीद हुए केंद्रीय मंत्री; नीतीश का नाम लेकर कही ये बात
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने केके पाठक की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब वे सरकारी सेवा में थे तो केके पाठक को अपने साथ लेकर काम किया। उन्होंने उनके साथ कई विभागों में साथ काम करने का स्मरण साझा किया। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ईमानदारी से काम करते हैं इसलिए केके पाठक जैसे अधिकारी के विरोध में हाय-तौबा मचाने के बाद भी उन्हें नहीं बदला।
जागरण संवाददाता, आरा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री व स्थानीय सांसद सह राजग प्रत्याशी आरके सिंह ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि केके पाठक के प्रयास से शिक्षा विभाग में बदलाव नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि जब वे सरकारी सेवा में थे तो केके पाठक को अपने साथ लेकर काम किया। उन्होंने उनके साथ कई विभागों में साथ काम करने का स्मरण साझा किया।
'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ईमानदारी से काम करते हैं, इसलिए...'
उन्होंने कहा कि ईमानदार राजनीतिज्ञ ही ईमानदार अधिकारी को पसंद करता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ईमानदारी से काम करते हैं, इसलिए केके पाठक जैसे अधिकारी के विरोध में हाय-तौबा मचाने के बाद भी उन्हें नहीं बदला।
लोकसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रधान चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
'पेंशन रोकना कैसा विकास है?'
वहीं, बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष प्रो. कन्हैया बहादुर सिन्हा ने कहा कि केके पाठक ने शिक्षा में सुधार जरूर किया है, लेकिन सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मचारियों का पेंशन रोकना कैसा विकास है।
उन्होंने कहा कि तीन माह से पेंशन और वेतन बंद है। जबकि पेंशन भोगियों की जीविका का एक मात्र साधन पेंशन होता है।
सनद है कि शिक्षा विभाग ने फरवरी से विश्वविद्यालय के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगा दिया है। पूर्व विधान परिषद सभापति डा. अवधेश नारायण सिंह ने भी केके पाठक की प्रशंसा की, लेकिन शिक्षक और कर्मचारियों के पेंशन रोकने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण के चुनाव के बाद वे मुख्यमंत्री से मिलकर मामले पर विमर्श करेंगे।
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