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    केके पाठक का विभाग फिर से सख्त, कक्षाओं में कम उपस्थिति होने पर सीधे प्राचार्य पर होगी कार्रवाई; 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य

    By Dina Nath SahaniEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Fri, 01 Dec 2023 02:47 PM (IST)

    Patna News शिक्षा विभाग ने पहले भी कई बार कहा है कि कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की 75 प्रतिशत से ज्यादा उपस्थिति अनिवार्य है। इसके बावजूद लापरवाही दिखाई जा रही है। अधिकांश अंगीभूत कालेजों में रोजाना विद्यार्थियों की उपस्थित 55 से 60 प्रतिशत के बीच है जो चिंता की बात है। अब विभाग ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि कम उपस्थिति होने पर सीधे प्राचार्य पर कार्रवाई होगी।

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    केके पाठक का विभाग फिर से सख्त, कक्षाओं में कम उपस्थिति होने पर सीधे प्राचार्य पर होगी कार्रवाई

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत तथा संबद्ध डिग्री कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की 75 प्रतिशत से ज्यादा उपस्थिति अनिवार्य है। इससे कम उपस्थिति रहने पर प्राचार्य जिम्मेदार होंगे।

    इस बाबत शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी कुलपतियों को आगाह किया है कि शिक्षण कार्य में सुधार लाकर कक्षाओं में छात्र-छात्राओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं।

    यह जवाबदेही आपसब की है। सप्ताह में विद्यार्थियों की उपस्थिति रिपोर्ट भेजें। अन्यथा कम हाजिरी पर जिम्मेदार प्राचार्य पर कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देश के मुताबिक अंगीभूत एवं संबद्ध डिग्री कालेजों में विद्यार्थियों की उपस्थिति में अविलंब सुधार लाना आवश्यक है।

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    75 प्रतिशत तक उपस्थिति अनिवार्य

    कम से कम छात्र-छात्राओं की 75 प्रतिशत तक उपस्थिति होना अनिवार्य है। इस लक्ष्य को पाने के लिए कालेजों को शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार लाने की जरूरत है ताकि पढ़ाई के प्रति विद्यार्थयों में दिलचस्पी पैदा की जा सके। अधिकांश अंगीभूत कालेजों में रोजाना विद्यार्थियों की उपस्थित 55 से 60 प्रतिशत के बीच है, जो चिंता की बात है।

    शिक्षा विभाग ने कुलपतियों से क्या कहा?

    इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा पहले ही कुलपतियों को बैठक में आगाह किया जा चुका है। शिक्षा विभाग ने कुलपतियों से कहा है कि उच्च शिक्षा के हित में सुधार के लिए सोचें और उसके अनुकूल काम करें।

    विश्वविद्यालयों में जितने भी संसाधन हैं, उसका शत-प्रतिशत इस्तेमाल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु करें। साथ ही कुलपतियों को विश्वविद्यालयों के तमाम सेवाओं का और दस्तावेजों का आनलाइन करने को कहा गया है।

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