Karwa Chauth 2022: करवा चौथ व्रत की तारीख, मुहूर्त व पूजा विधि देखें, पति-पत्नी के रिश्तों में आती है मजबूती
Karwa Chauth 2022 इसी महीने पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन करेंगी करवा चौथ का व्रत। कृतिका नक्षत्र में व्रती महिलाएं करेंगी भगवान गणेश व चंद्रदेव की पूजा। व्रत के दिन रात्रि नौ बजे से चंद्रदेव को देंगी अर्घ्य
पटना, जागरण संवाददाता। Karwa Chauth Vrat 2022: कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और परिवार की कुशलता के लिए करवा चौथ का व्रत करेंगी। करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखकर चंद्रमा के दर्शन व पूजन करने के बाद व्रत को पूर्ण करेंगी।
करवा चौथ के व्रत से दांपत्य जीवन में सुख
करवा चौथ के दिन चतुर्थी माता (करवा माता) और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। दांपत्य जीवन में मधुरता तथा व्रतियों का गृहस्थ जीवन सुखमय व्यतीत होता है। यह व्रत आम तौर पर पंजाबी समुदाय में मनाया जाता था, लेकिन हाल के दिनों में देश के दूसरे इलाकों में भी इसका चलन बढ़ा है।
करवा चौथ पर बन रहा सिद्ध योग का संयोग
ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि करवा चौथ के दिन कृतिका नक्षत्र के साथ सिद्धि योग, तथा चंद्रमा वृष राशि में विद्यमान रहेगा। करवा चौथ पर सिद्धयोग का भी शुभ संयोग बना रहेगा। व्रती शुभ मुहूर्त में करवा चौथ का व्रत को पूर्ण करेंगी।
शिव-पार्वती के साथ गणेश-चंद्र की पूजा
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं शिव-पार्वती, रिद्धि-सिद्धि सहित भगवान गणेश, कार्तिकेय एवं चंद्रमा की पूजा करने के बाद चंद्रमा को चलनी से देख कर उन्हें अघ्र्य देंगी। महिलाएं दिन भर उपवास कर संध्या काल में नए वस्त्र, श्रृंगार आदि करके देवी-देवताओं की पूजा करने के बाद चंद्रदेव को चलनी से दीप के साथ दर्शन करेंगी।
पूजन का शुभ मुहूर्त
- शाम - 7.45 बजे से 9.02 बजे तक
- मुहूर्त काल - एक घंटा 18 मिनट
- चंद्रोदय व अर्घ्य का समय :रात्रि 09: 02 बजे से
चांद को अर्घ्य देने का है विधान
पति को देखते हुए वे चांद को अर्घ्य प्रदान करेंगी। वहीं करवा चौथ के मध्यरात्रि के बाद व सूर्योदय से पूर्व सरगही करेंगी। सास के हाथों व्रती महिलाएं सरगही के सामान ग्रहण करेंगी।