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    30 नवंबर को है कार्तिक पूर्णिमा, दीप दान और गंगा स्नान का विशेष महत्व

    By Shubh NpathakEdited By:
    Updated: Sun, 08 Nov 2020 09:01 AM (IST)

    हिंदूओं के लिए नवंबर का महीना इस बार काफी महत्‍वपूर्ण है। दिवाली धनतेरस गोवर्धन पूजा और छठ के साथ कार्तिक पूर्णिमा भी इसी महीने है। इस खबर में प‍ंडितजी से जानिए कार्तिक पूर्णिमा पर क्‍या है मुहूर्त और क्‍या है इसका महत्‍व

    पटना के गंगा घाटों पर स्‍नान करने आते हैं हजारों लोग। जागरण

    पटना, जेएनएन। धार्मिक शास्त्रों में कार्तिक माह को विशेष शुभ फलदायी बताया गया है। इस महीने में सूर्योदय से पहले गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व इस बार 30 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के साथ पंडित व गरीबों के बीच दान पुण्य करने का विशेष महत्व है। इस दिन दीप दान का विशेष महत्व बताया गया है। जहां गंगा और अन्‍य नदियां आसानी से उपलब्‍ध नहीं हैं, वहां लोग जलाशयों में भी स्‍नान कर सकते हैं।

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    देवी-देवताओं के उत्‍सव का दिन है कार्तिक पूर्णिमा

    पंडित श्रीनिवास पाठक ने धार्मिक पुस्तकों के हवाले से बताया कि इस दिन दीपदान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं। कार्तिक पूर्णिमा को देवी-देवताओं के उत्सव का दिवस माना जाता है। पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। अगर संभव हो तो भगवान सत्यनारायण की कथा भी जरूर सुनें। शाम के समय तुलसी जी की पूजा करें।

    सबसे उत्तम मास है कार्तिक

    शास्त्रों में कार्तिक मास को उत्तम मास माना जाता है। क्योंकि इस माह में भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान शिव आैर माता पार्वती के पुत्र कार्तिक ने तारकासुर का वध किया था। इसी कारण इसका नाम कार्तिक मास पड़ा। इस दिन नई वस्तुओं की खरीदारी करना भी शुभ माना जाता है।

    मुहूर्त -

    पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 29 नवंबर रात 12 बजकर 47 मिनट से

    पूर्णिमा तिथि समाप्त- 30 नवंबर रात 02 बजकर 59 मिनट तक

    कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

    कार्तिक माह में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से धरती के सभी तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है। पद्म पुराण, नारद पुराण, स्कंद पुराण में इस माह की महत्ता के बारे में बताया गया है। इस माह को मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है। इस माह में तुलसी पूजन तथा तुलसी के पत्तों का सेवन करना लाभप्रद माना जाता है। तुलसी के पौधे पर मां लक्ष्मी और धन कुबेर का आशीष बना रहता है। मास के दौरान सुबह और शाम तुलसी की पूजा करने से घर में सुख शांति और संपन्नता आती है। कार्तिक महात्मय के अनुसार भगवान विष्णु ने कुबेर से कहा है कि जो भक्त इस मास में मेरा पूजन और दीप दान करेगा उसे धन-धान्य की कमी कभी नहीं होगी। दीप दान प्रभावित नदी में करना चाहिए। नदी या तालाब में जाना संभव नहीं है तो तुलसी के पौधे को दीप दिखाएं। इस माह में गरीबों और असहाय लोगों को भोजन, वस्त्र का दान करें जिससे घर में सुख की बढा़ेतरी होगी।