Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Karpoori Thakur Jayanti: कर्पूरी को भारत रत्न, बिहार में भाजपा का मास्टर स्ट्रोक; लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने निकाली लालू और नीतीश की तोड़

    By Jagran News Edited By: Mukul Kumar
    Updated: Wed, 24 Jan 2024 07:46 AM (IST)

    Bihar Politics भारत रत्न से अलंकृत करने का केंद्र सरकार का निर्णय भाजपा के लिए मास्टर स्ट्रोक है। पहल से साफ है कि बिहार के एकमुश्त 36 प्रतिशत से अधिक अति पिछड़े वोट बैंक के प्रति सबका साथ सबका विकास एवं मोदी की गारंटी जैसी पहल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रमाणिक कर दिया है। यह घोषणा लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भी सधा हुआ बड़ा दांव हैं।

    Hero Image
    कर्पूरी को भारत रत्न, भाजपा का मास्टर स्ट्रोक

    रमण शुक्ला, पटना। Bihar Political News In Hindi लोकप्रियता से सर्वसमाज के बीच जननायक के नाम से प्रसिद्ध रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा कर केंद्र सरकार ने भाजपा के अनुरोध पर विपक्षी दलों के सामने लंबी लाइन खींच दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार की राजनीति में राज्य सरकार द्वारा जातिगत आधारित गणना में कंधे से कंधा मिलाकर समर्थन देने के बाद अब मरणोपरांत जननायक को भारत रत्न से अलंकृत करने का केंद्र सरकार का निर्णय भाजपा के लिए मास्टर स्ट्रोक है।

    पहल से साफ है कि बिहार के एकमुश्त 36 प्रतिशत से अधिक अति पिछड़े वोट बैंक के प्रति 'सबका साथ, सबका विकास' एवं मोदी की गारंटी जैसी पहल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रमाणिक कर दिया है।

    भारत रत्न देना भाजपा की दूरगामी रणनीति

    जननायक की जन्मशताब्दी की पूर्व संध्या पर यह घोषणा लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भी सधा हुआ बड़ा दांव हैं। ऐतिहासिक संदेश हैं। दो दशक तक बिहार की राजनीति में सामाजिक न्याय के प्रणेता रहे अति पिछड़े समुदाय के पहले मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को सर्वश्रेष्ठ सम्मान भारत रत्न देना भाजपा की दूरगामी रणनीति है।

    अहम यह है कि 1988 से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की आवाज बुलंद होती रही लेकिन किसी प्रधानमंत्री ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। यही नहीं, गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री वीपी सिंह, चंद्रशेखर, एचडी देवेगौड़ा एवं इंद्र कुमार गुजराल ने भी अनदेखी की।

    खासकर 1990 से लेकर 2005 तक राजद प्रमुख लालू यादव बिहार से लेकर केंद्र की राजनीति में तुरूप का पत्ता बने रहे, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा सका। तत्कालीन जनसंघ (अब भाजपा) के सहयोग से कर्पूरी ठाकुर बिहार में दो बार मुख्यमंत्री और एक बार उप-मुख्यमंत्री रहे थे।

    ऐसे में अब यह तय है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा इसे मजबूत से भुनाएगी। पहले आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण, इसके बाद संसद में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण और अब भारत रत्न का दांव कई मायने में भाजपा के अहम है।

    चुनाव से पहले ही विपक्ष को पटखनी की कोशिश

    बिहार की राजनीति के लिए गौर करने वाली बात यह है कि खुद नीतीश कुमार हाल में कई मौकों पर कर्पूरी ठाकुर के लिए 'भारत रत्न' की मांग कर चुके हैं। कर्पूरी ठाकुर ने कई ऐसे फैसले लिए जो न सिर्फ बिहार में बल्कि देश में मिसाल बने। उन्होंने देश में सबसे पहले पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया था।

    देश में सबसे पहले महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को तीन-तीन प्रतिशत आरक्षण देने का श्रेय भी कर्पूरी ठाकुर को जाता है।

    इन सभी निर्णय में जनसंघ के नेता (जो आगे चलकर भाजपा हुई) और तत्कालीन वित्त मंत्री कैलाशपति मिश्र साथ थे। ऐसे में विपक्ष को पटखनी देने का मौका भुनाने में भाजपा ने यह बड़ा राजनीतिक दांव खेला है।

    यह भी पढ़ें-

    Bharat Ratna: अब तक 49 हस्तियों को मिला है भारत रत्न, बिहार के चार लोगों को मिला है यह सर्वोच्‍च सम्मान

    Karpoori Thakur : कौन हैं भारत रत्न से नवाजे जा रहे कर्पूरी ठाकुर? यहां पढ़ें बिहार के 'जननायक' से जुड़े हर सवाल का जवाब