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    Jeevika: जीविका दीदियों का बढ़ गया काम, अब ब्लॉक में मिली बड़ी जिम्मेदारी; मिलेगी 10-12 हजार रुपये सैलरी

    Bihar News जीविका दीदियों का काम फिर बढ़ गया है। बिहार सरकार ने जीविका दीदियों को एक और जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। अब वे प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई का काम भी संभालेंगी। इस पहल के तहत सरकार लगभग 34 करोड़ रुपये खर्च करेगी जिससे लगभग 3000 महिलाओं को रोजगार मिलेगा और कार्यालयों में स्वच्छता बनी रहेगी।

    By Raman Shukla Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 19 May 2025 12:00 PM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना।  सचिवालय से लेकर सरकारी अस्पतालों एवं प्रखंड कार्यालयों में कैंटीन चलाने के साथ ही अब जीविका दीदियां अंचल एवं प्रखंड कार्यालय परिसर की सफाई का दायित्व भी संभालेंगीं।

    ग्रामीण विकास विभाग ने बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) से संपोषित सामुदायिक संगठनों के माध्यम से कराने की पहल की है।

    सरकार 534 प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की सफाई मद में लगभग 34 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च करेगी। लगभग तीन हजार महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।

    वहीं, सफाई कार्य करने वाली जीविका दीदियों को प्रतिमाह 10 से 12 हजार रुपये पगार देने का आकलन किया गया है।

    वर्तमान में जीविका दीदियां सरकारी अस्तालों की सफाई, लांड्री एवं कैंटीन का काम संभाल रही हैं। इसके अतिरिक्त जीविका दीदियां अब प्रखंड कार्यालयों में सफाई का काम संभालेंगी।

    सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है, ताकि प्रखंड कार्यालयों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। यह निर्णय जीवीका दीदियों के सशक्तीकरण और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    जीवीका दीदियां अब प्रखंड कार्यालयों की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभा सकेंगी। इस पहल से प्रखंड कार्यालयों में स्वच्छता बढ़ेगी और जीविका दीदियों को भी रोजगार मिलेगा।

    इससे प्रखंड कार्यालयों में कार्य करने वाले लोगों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ कार्य वातावरण भी सुनिश्चित होगा। इसे लेकर प्रशासन द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों की मापी कराके क्षेत्रफल का ब्योरा मांगा गया है।

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    गौरतलब है कि वर्तमान में प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की साफ सफाई निजी स्तर से कराई जाती है, जिससे कई तरह की परेशानियां सामने आती थीं। हालांकि, सफाई के मद में कुछ पैसा भी सरकार स्तर से प्रखंडों को महीने के हिसाब से दिया जाता था।

    इधर, ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार के सचिव लोकेश कुमार द्वारा जारी पत्र के अनुसार अब सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी जीविका समूह के जिम्मे लगाया जाना है।

    सरकार स्तर से जारी पत्र में कहा गया है कि सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों में उचित साफ सफाई बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति द्वारा संपोषित सामुदायिक संगठनों से कराया जाना प्रस्तावित है।

    संबंधित कार्यालयों में सफाई करने की दर तथा संबंधित दिशा निर्देश शीघ्र ही अंतिम रूप जारी किया जाएगा। सचिव ने जिला अंतर्गत सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों की साफ सफाई के लिए कुल क्षेत्रफल संबंधित सूचना प्रपत्र के माध्यम से मांगा है।

    हालांकि, इस सफाई के एरिया में प्रखंड सह अंचल कार्यालयों के आवासीय भवनों के क्षेत्रफल को शामिल नहीं किया जाना है।

    जीविका समूह की बढ़ेगी आमदनी

    जीविका समूह के सामुदायिक संगठनों द्वारा प्रखंड सह अंचल कार्यालय के भवनों की सफाई व्यवस्था संभालने के बाद जहां जीविका समूहों की आमदनी बढ़ेगी।

    वहीं दूसरी तरफ प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवनों का रखरखाव तथा कार्यालय परिसर भी बेहतर दिखाई देगा। यही नहीं, ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े इन सरकारी कार्यालयों पर आने जाने वालों को भी एक बेहतर और साफ सुथरा माहौल नजर आएगा।

    गौरतलब है कि यह व्यवस्था पहली बार सरकार स्तर से लागू कराने की तैयारी है। इसका असर प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में काम करने वाले कर्मियों के कार्यक्षमता पर भी अनुकूल पड़ेगा।

    बीडीओ के माध्यम से जीविका दीदियों को प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की सफाई का काम देने का प्रविधान किया गया है। इस पहल से लगभग तीन हजार महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा। सरकार इसपर प्रतिवर्ष लगभग 34 करोड़ रुपये खर्च करेगी।  - लोकेश कुमार सिंह, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग

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