Bihar MLC Election: नीतीश के साथ तिरहुत में 'खेला', JDU सांसद के बयान से नुकसान; इन जातियों ने लिया बदला!
बिहार विधान परिषद के तिरहुत स्नातक क्षेत्र के उपचुनाव में जदयू की हार से पार्टी सदमे में है। हार के लिए कई कारकों को जिम्मेवार ठहराया जा रहा है जिसमें शिक्षकों की सरकार के प्रति नाराजगी और सांसद देवेशचंद्र ठाकुर की विवादित टिप्पणी शामिल है। ठाकुर ने कुछ खास जातियों से कहा था कि लोकसभा चुनाव में आपने मुझे वोट नहीं दिया अब मैं आपका व्यक्तिगत काम नहीं करूंगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक क्षेत्र के उपचुनाव (Bihar MLC Election) में जदयू की हार से पार्टी सदमे में है। हार के लिए कई कारकों को जिम्मेवार ठहराया जा रहा है। शिक्षकों की सरकार के प्रति नाराजगी का मुख्य कारण कारक माना जा रहा है। पार्टी को अपने सांसद देवेशचंद्र ठाकुर की उस टिप्पणी याद भी आ रही है, जिसमें उन्होंने कुछ खास जातियों से कहा था कि लोकसभा चुनाव में आपने मुझे वोट नहीं दिया। अब मैं आपका व्यक्तिगत काम नहीं करूंगा।
ठाकुर की यह टिप्पणी इस साल जून के तीसरे सप्ताह की है। उन्होंने मुस्लिम और यादव जाति से जुड़े लोगों को वोट न देने के लिए उलाहना दिया था। भविष्य में कोई निजी काम न करने की घोषणा भी की थी। ठाकुर ने कुशवाहा समाज को भी पूरा वोट न देने लिए कोसा था।
चौथे नंबर पर चले गए अभिषेक
देवेशचंद्र ठाकुर के सांसद बनने के कारण ही तिरहुत में उपचुनाव हुआ। वह बीते 22 साल से परिषद में इस क्षेत्र के प्रतिनिधि थे। जदयू के अभिषेक झा उन्ही की छत्रछाया में वोट मांग रहे थे। अभिषेक चौथे नम्बर पर चले गए। जदयू ने आधिकारिक तौर पर इस हार की समीक्षा नहीं की है, लेकिन उसके कई नेता मान रहे हैं कि हार में सांसद की जून वाली टिप्पणी का भी हाथ है।
सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने गुरुवार को ठाकुर की टिप्पणी की भूमिका के बारे में पूछने पर कहा- किसी नेता को ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जिससे लोग आहत हों। उन्होंने शिक्षकों की नाराजगी की संभावना से भी इंकार नहीं किया। लेकिन, दावा किया कि विधानसभा चुनाव तक सब ठीक हो जाएगा।
'मेरे विरुद्ध षड्यंत्र हुआ...'
जदयू के उम्मीदवार रहे अभिषेक झा ने कम उम्र में अवसर देने के लिए पार्टी का आभार प्रकट किया। हार के लिए षड़यंत्र को भी जवाबदेह ठहराया। उन्होंने फेसबुक पोस्ट पर लिखा-जिन लोगों ने षड्यंत्र किया, विश्वासघात किया उनका भी आभार, क्योंकि इससे बहुत सीख मिली।
गठबंधन के वैसे सभी नेताओं के प्रति विशेष आभार जिन्होंने पूरी चुनावी प्रक्रिया के समय कोई सहयोग नहीं किया। विरोध किया। फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा और नतीजे आने के बाद झूठे आरोप लगाकर आलोचना कर रहे हैं।
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