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    शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल नीति से बिहार के युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ: उमेश कुशवाहा

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 12:05 AM (IST)

    जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि डोमिसाइल नीति युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी। मंत्री नितिन नवीन ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया जो बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि यह सामाजिक न्याय का उदाहरण है जिससे युवाओं को आरक्षण मिलेगा।

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    जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने की डोमिसाइल नीति की प्रशंसा

    राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि डोमिसाइल नीति लागू करने का निर्णय राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। नीतीश कुमार ने हमेशा यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि बिहार के प्रतिभावान युवाओं को अपने ही राज्य में योग्यता के अनुरूप रोजगार उपलब्ध हो। शिक्षक बहाली प्रक्रिया में डोमिसाइल नीति को लागू करना इसी दूरदर्शी सोच का सशक्त प्रमाण है, जो अब लाखों युवाओं के लिए स्थायित्व, आत्मबल और आशा का नया द्वार खोलेगा।

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    जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश सरकार की नीतियां सर्वस्पर्शी, न्यायपूर्ण और समावेशी विकास की रही हैं, जिनमें हर वर्ग, क्षेत्र और नागरिक को भागीदारी का अवसर मिला है। डोमिसाइल नीति से राज्य के युवाओं के मन में विश्वास, सुरक्षा और सम्मान की भावना और अधिक प्रबल होगी।

    ग्रामीण कार्य मंत्री नितिन नवीन ने मंगलवार को कहा कि डोमिसाइल पर राज्य कैबिनेट की मुहर ऐतिहासिक फैसला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक बिहार के जनसरोकारों, सामाजिक न्याय, समावेशी विकास और आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। पहली बार ऐसी मंत्रिपरिषद की बैठक देखने को मिली, जिसने बिहार की आत्मा को नई ऊर्जा दी है और हमारे युवाओं के लिए अवसरों का स्वर्णिम द्वार खोला है।
    वहीं, मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कैबिनेट में लिया गया निर्णय सामाजिक न्याय की सर्वोत्तम मिसाल है। यदि हम आरक्षण की संरचना देखें तो बिहार में 50% आरक्षण सामाजिक रूप से वंचित वर्गों को है, 10% आर्थिक रूप से पिछड़े को है। यह कुल 60 प्रतिशत हुआ। जिसमें क्षैतिज रूप से 35 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित है।

    इसके साथ एक बड़ी उपलब्धि है कि अब अध्यापक की नियुक्ति में भी 40 प्रतिशत आरक्षण उन युवाओं को मिलेगा, जिन्होंने बिहार के स्कूलों से मैट्रिक या इंटर किया है। कुल मिलाकर बड़ी आबादी इस संरचना से लाभान्वित होगी। ऐसा किसी राज्य में नहीं हुआ है। यह बिहार माडल है, यह नीतीश माडल है।