Bihar Politics: नीतीश कुमार की JDU को बड़ा झटका, तारिक अनवर की तरह ललन भी MLC बनते-बनते रह गए
जदयू के ललन प्रसाद विधान परिषद के सदस्य बनने से चूक गए। SC ने 16 जनवरी को होने वाले चुनाव परिणाम पर रोक लगा दी। इससे पहले सुनील कुमार की सदस्यता रद होने पर ललन को उम्मीदवार बनाया गया था। वे अकेले उम्मीदवार थे और उनका निर्विरोध चुनाव होना तय था लेकिन कोर्ट ने चुनाव आयोग की अधिसूचना रद कर दी अब ललन को नए चुनाव का इंतजार करना होगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर की तरह जदयू के ललन प्रसाद विधान परिषद का सदस्य बनते-बनते रह गए। जून 2020 में तारिक अनवर को कांग्रेस ने विधान परिषद के लिए नामित किया था, लेकिन नामांकन पत्र दाखिल करने के एक दिन पहले बताया गया कि तारिक का आवासीय पता नई दिल्ली का है।
विधान परिषद की सदस्यता के लिए संबंधित राज्य का स्थायी पता होना जरूरी होता है। कांग्रेस ने आनन फानन में उम्मीदवार बदला।
तारिक की जगह वरिष्ठ कांग्रेसी डॉ. समीर कुमार सिंह को विधान परिषद का सदस्य बनाया गया। हालांकि, इस घटना के ठीक चार साल बाद 2024 में तारिक अनवर कटिहार से लोक सभा के लिए निर्वाचित हो गए।
सुनील कुमार की सदस्यता रद होने के बाद ललन को बनाया उम्मीदवार
राजद सदस्य सुनील कुमार सिंह की विधान परिषद की सदस्यता रद करने के कारण होने वाले उपचुनाव में जदयू ने पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता ललन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया।
कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की लहर दौड़ गई थी। प्रसाद ने नौ जनवरी को नामांकन किया। अंत तक वे इकलौते उम्मीदवार रह गए।
नीतीश कुमार और ललन प्रसाद। फाइल फोटो
परिणाम घोषित करने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
16 जनवरी को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि थी। उसी दिन उन्हें निर्विरोध निर्वाचित हो जाना था, लेकिन उसके एक दिन पहले ही सुप्रीम कोट की ओर से परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी गई।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनील कुमार सिंह की परिषद की सदस्यता फिर से बहाल कर दिया। चुनाव आयोग की उस अधिसूचना को भी रद कर दिया, जिसके माध्यम से उपचुनाव की घोषणा की गई थी। अब ललन प्रसाद को नए चुनाव का इंतजार करना होगा।
विधान परिषद में सुनील की सदस्यता बहाली को राजद ने बताया सच्चाई की जीत
विधान परिषद में डॉ. सुनील कुमार सिंह की सदस्यता बहाली को राजद ने सच्चाई की जीत बताया है। बिहार राजद के प्रधान महासचिव रणविजय साहू, विधायक मो. कामरान, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, चित्तरंजन गगन, एजाज अहमद, विनय यादव, सुदय यादव आदि ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि सच परेशान हो सकता है, लेकिन विचलित नहीं।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से यह सिद्ध हो गया है। धैर्य, साहस और आत्मबल से सुनील ने डबल इंजन सरकार को बता दिया कि जो सच की राह पर होता है, उसे जीत अवश्य मिलती है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास और मजबूत होगा। उल्लेखनीय है कि सुनील राजद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष हैं।
ये भी पढ़ें- बिहार में अचानक बढ़ी सियासी सरगर्मी, BJP प्रदेश अध्यक्ष का मंत्री पद से इस्तीफा; 7 मंत्री लेंगे शपथ
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: 'एक झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री...', चिराग पासवान ने किसका लिया नाम? PM Modi की कर दी तारीफ
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।